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कांग्रेस-NCP और शिवसेना के बीच इन 6 मुद्दों पर बन सकती है सहमति

कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना के बीच इन छह मुद्दों पर मिनिमम कॉमन प्रोग्राम तय हो सकता है

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महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर माथापच्ची जारी है. कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना के बीच सरकार गठन को लेकर बातचीत आखिरी दौर में है. सूत्रों की मानें तो कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना के बीच सरकार गठन को लेकर जो मिनिमम कॉमन प्रोग्राम तैयार किया जा रहा है, उसके लिए अब तक छह मुद्दों पर आम सहमति बन चुकी है.

एनसीपी-कांग्रेस और शिवसेना ने इस कॉमन मिनिमम प्रोग्राम को तैयार करने के लिए किसान, कृषि लोन, रोजगार और विकास को केंद्र में रखा जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना के बीच इन छह मुद्दों पर मिनिमम कॉमन प्रोग्राम तय हुआ है.

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1. किसान का कर्ज होगा माफ

सूत्रों के मुताबिक, किसान का कर्जा माफी 7/12 के मुताबिक होगा. यानी किसानों की कर्ज माफी के साथ ही गिरवी रखी गई जमीन के कागज और रजिस्ट्री भी किसानों को वापस लौटाई जाएगी. इससे पहले जब भी किसानों की कर्ज माफी हुई है तो गिरवी रखे गए कागज किसानों को नहीं लौटाये गए.

2. किसान के खेत तक पानी

दूसरा जो प्रमुख मुद्दा है वह है किसानों के खेत तक पानी पहुंचाने की नीति. इस पर शिवसेना पहले से ही काम कर रही थी और अब इस को न्यूनतम साझा कार्यक्रम में शामिल कर राज्य, इसके लिए एक नीति बनाएगा ताकि किसानों को उनके खेत तक पानी मिल सके.

3. किसान को साहूकारों से मुक्ति

तीसरा मुद्दा है किसानों को साहूकारों के चंगुल से बचाना. इसके लिए बैंक और नाबार्ड के जरिए सस्ता ऋण किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा. सस्ते ऋण की व्यवस्था के लिए ‘संभावित’ सरकार एक नीति बनाएगी. किसानों को आसानी से और सस्ता कर्ज कॉपरेटिव बैंक को और नाबार्ड से मिल सके. इस मुद्दे को प्रमुखता से न्यूनतम साझा कार्यक्रम में शामिल किया जा रहा है.

4. बिजली दर में कटौती का मुद्दा

शिवसेना चाहती है कि बिजली दरो में प्रति यूनिट कम होना चाहिए और इसका फायदा ज्यादा से ज्यादा ग्रामीण जनता को मिलना चाहिए.

5. रोजगार

पांचवा मुद्दा, जो न्यूनतम साझा कार्यक्रम में शामिल किया जा रहा है वो है रोजगार. सरकार युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए नीति लाएगी और हर साल निश्चित संख्या में युवाओं को रोजगार मिले ये सुनिश्चित करेगी. प्रतिवर्ष नए रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य, कमिटी से बातचीत के बाद तय होगा.

6. विकास के प्रोजेक्ट

छठवा मुद्दा है धीमे पड़े विकास के प्रोजेक्ट के काम में तेजी लाना. ताकि, राज्य के विकास में तेजी आए. यह भी न्यूनतम साझा कार्यक्रम का हिस्सा होगा.

इसके अलावा कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन की ओर से इस बात पर भी जोर दिया गया है कि गठबंधन सरकार बनने की स्थिति में शिवसेना को अपने कट्टर हिंदुत्व के एजेंडे को दूर रखना होगा.

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