महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की अंदरूनी कलह पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है. राज्य में टिकट बंटवारे से नाराज कांग्रेस के बड़े नेता संजय निरुपम ने गुरुवार को बागी तेवर दिखाए.
टिकट बंटवारे से नाराज संजय निरुपम ने पार्टी छोड़ने तक की धमकी दी है. निरुपम ने ट्वीट कर कहा कि शायद पार्टी को अब उनकी सेवाओं की जरूरत नहीं रह गई है.
‘पार्टी नेतृत्व ने नहीं मानी एक नाम की भी सिफारिश’
संजय निरुपम ने टिकट बंटवारे में उनकी राय की अनदेखी किए जाने पर ट्वीट कर कहा-
मुझे ऐसा लगता है कि पार्टी को अब मेरी सेवाओं की जरूरत नहीं रह गई है. मुंबई में मैंने विधानसभा चुनाव के लिए सिर्फ एक नाम की सिफारिश की थी. मुझे पता चला है कि उसे भी खारिज कर दिया गया है. मैंने नेतृत्व को पहले ही बताया था कि ऐसी स्थिति में, मैं चुनाव प्रचार में हिस्सा नहीं लूंगा. यह मेरा आखिरी फैसला है.
‘वो दिन दूर नहीं, जब पार्टी को गुडबाय बोलना पड़ेगा’
बागी तेवर देख संजय निरुपम के एक समर्थक ने सलाह दी कि अब उन्हें पार्टी छोड़ देनी चाहिए. इस पर निरुपम ने जवाब देते हुए ट्वीट में लिखा-
‘मुझे लगता है कि अभी वो दिन नहीं आया है, जब पार्टी को गुड बाय बोल दिया जाए. लेकिन जिस तरह से पार्टी लीडरशिप मेरे साथ व्यवहार कर रही है, वो दिन दूर नहीं है.’
महाराष्ट्र कांग्रेस में लोकसभा चुनावों के पहले से कलह चली आ रही है. इसी वजह से लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने संजय निरुपम की जगह मिलिंद देवड़ा को मुंबई कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया था.
हरियाणा कांग्रेस में भी जारी है कलह
महाराष्ट्र के अलावा हरियाणा में भी कांग्रेस में अंदरूनी कलह जारी है. दोनों ही राज्यों में 21 अक्टूबर को विधानसभा चुनावों की वोटिंग होनी है. ऐसे में पार्टी को चुनावों में अंदरूनी कलह का खामियाजा उठाना पड़ सकता है.
बता दें, बुधवार को हरियाणा कांग्रेस के पूर्व प्रमुख अशोक तंवर ने विधानसभा चुनावों में उनकी अनदेखी किए जाने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन किया था.
अशोक तंवर भी पार्टी में उनकी अनदेखी किए जाने और टिकट बंटवारे में उनकी राय ना लिए जाने से नाराज हैं.
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