विधानसभा चुनावों से ठीक पहले हरियाणा कांग्रेस की अंदरूनी कलह अब दिल्ली तक पहुंच गई है. बुधवार को हरियाणा कांग्रेस के पूर्व प्रमुख अशोक तंवर ने विधानसभा चुनावों में उनकी अनदेखी किए जाने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन किया.
इस दौरान उन्होंने हरियाणा की सोहना विधानसभा सीट के लिए टिकट को पांच करोड़ रुपये में बेचे जाने का आरोप भी लगाया.
कांग्रेस मुख्यालय के सामने अशोक तंवर का धरना
हरियाणा कांग्रेस के पूर्व प्रमुख अशोक तंवर पार्टी में उनकी अनदेखी और टिकट बंटवारे में उनकी राय ना लिए जाने से नाराज हैं. अशोक तंवर बुधवार को दिल्ली में पार्टी हेडक्वार्टर के सामने अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए. इस दौरान उन्होंने टिकट बंटवारे में पार्टी के नेताओं पर धांधली करने का आरोप लगाया.
तंवर ने टिकट बंटवारे में धांधली का आरोप लगाते हुए कहा-
सोहना विधानसभा सीट का टिकट 5 करोड़ रुपये में बेच दिया गया. हम हर हाल में परिस्थितियों को संभालेंगे. अगर टिकट बंटवारे में धांधली की गई है तो चुने गए लोगों को कैसे जीत मिलेगी.
तंवर ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए बांटी गई टिकटों पर भी नाराजगी जताई. उन्होंने कहा-
‘बीते पांच सालों में जिन्होंने पार्टी के लिए काम किया उन्हें टिकट बंटवारे के दौरान अनदेखा किया गया. जिन्होंने पार्टी के खिलाफ काम किया उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुडा ने तवज्जो दी है.’
अशोक तंवर ने कहा, ‘हरियाणा में बीते 5 सालों में मैंने पार्टी को अपने खून-पसीने से सींचा है. राजस्थान में नेतृत्व को खत्म किया जा रहा है. हम हमेशा से अपनी पार्टी को लेकर समर्पित रहे हैं. ऐसे लोगों को टिकट क्यों दिए जा रहे हैं जो पहले कांग्रेस की आलोचना करते थे और अब कांग्रेस में शामिल हो गए हैं.’
BJP से तीन महीने में 6 बार मिला ऑफरः तंवर
तंवर ने कहा, 'मैं टिकट बंटवारे की प्रक्रिया में शामिल था. इसलिए मुझे पता है कि ये सरकार (बीजेपी सरकार) बनवाई गई थी, बनी नहीं थी. आज जो 14 बीजेपी विधायक हैं उन्हें यहां से भेज दिया गया है.'
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के 7 सांसदों की पृष्ठभूमि कांग्रेस की रही है. तंवर ने कहा-
‘बीजेपी ने मुझे 3 महीने में 6 बार पार्टी में शामिल होने का ऑफर दिया, लेकिन मैं नहीं गया और ना कभी जाऊंगा.’
हरियाणा में तंवर Vs हुडा
बता दें, हरियाणा में पिछले लंबे वक्त से अशोक तंवर और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुडा के बीच तनातनी चल रही है. ये तनातनी इतनी बढ़ गई थी, कि इसमें पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को दखल देना पड़ा.
चुनावों को देखते हुए केंद्रीय नेतृत्व को भूपेंद्र सिंह हुडा की शर्तें माननी पड़ीं, जिसके बाद शीर्ष नेतृत्व ने अशोक तंवर को हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष पद से हटा दिया था और कुमारी शैलजा को उनकी जगह राज्य कार्यकारिणी की कमान सौंप दी थी.
प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिए जाने के बाद वर्चस्व की ये लड़ाई और बढ़ गई है. एक तरफ प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा और पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुडा अपने खेमे के नेताओं को टिकट दिलाने में लगे हुए हैं. वहीं, अशोक तंवर भी केंद्रीय नेतृत्व से अपने खेमे के लोगों को टिकट दिलाने की हर कोशिश कर रहे हैं.
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