कांग्रेस पार्टी से नाराज चल रही प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी के पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. प्रियंका चतुर्वेदी ने गुरुवार रात को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अपना इस्तीफा सौंपा है. प्रियंका ने अपना इस्तीफा ट्वीट भी किया है. अपने ट्वीट के कुछ ही देर बाद प्रियंका चतुर्वेदी ने शिवसेना ज्वाइन कर लिया.
प्रियंका चतुर्वेदी ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में शिवसेना ज्वाइन की. शिवसेना में शामिल होने के बाद उन्होंने कहा, “कांग्रेस में जब कुछ लोगों ने उनके साथ बदसलूकी की, लेकिन वापस उन्हें पार्टी में जगह दी जाती है इससे उनके आत्मसम्मान को ठोस पहुंचीं.”
प्रियंका ने कहा कि मुझे पता है अब मेरे ऊपर सवाल उठाए जाएंगे, पिछले ट्वीट्स को उछाला जाएगा. लेकिन मैंने सोच समझकर ये फैसला लिया है.
इस्तीफे में क्या लिखा प्रियंका चतुर्वेदी ने?
प्रियंका चतुर्वेदी नेकांग्रेस अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा कि पार्टी की विचारधारा और राहुल गांधी के सबको साथ लेकर चलने कि विचार ने उन्हें प्रभावित किया था और इसलिए 10 साल पहले वह पार्टी में शामिल हुईं.
मैं बहुत भारी मन से आज पार्टी की सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे रही हूं. पिछले 10 सालों में पार्टी की तरफ से मुझे कई जिम्मेदारी मिली और निजी स्तर पर मैंने बहुत कुछ सीखा. हालांकि, कुछ समय से ऐसा लग रहा था कि पार्टी में मेरे काम की अब कोई कद्र नहीं रही है. मुझे ऐसा लगने लगा कि संगठन के लिए मैं जितना वक्त और बिताऊंगी वह मेरे सम्मान और गरिमा से समझौता होगा.’
“महिलाओं के सम्मान की बात पर नहीं खरी उतरी पार्टी”
प्रियंका ने पार्टी में महिलाओं के सम्मान की बात करते हुए लिखा है,
पार्टी महिला सशक्तीकरण और महिलाओं के अधिकार की वकालत करती है, लेकिन यह देखना दुखद है कि पार्टी ने उस विचारधारा पर काम नहीं किया. मथुरा में पार्टी के कार्यक्रम में हुए दुर्व्यवहार के बाद भी मेरे सम्मान के लिए सही कार्रवाई नहीं की गई. अब वक्त आ गया है कि मुझे कांग्रेस से बाहर निकलकर दूसरे क्षेत्रों पर अपना फोकस बढ़ाना चाहिए.
प्रियंका ने ट्विटर से हटाया ‘कांग्रेस प्रवक्ता’
प्रियंका चतुर्वेदी ने अपने ट्विटर प्रोफाइल पर अपने परिचय से ‘कांग्रेस प्रवक्ता’ हटा दिया है.
इससे पहले उन्होंने अपनी प्रोफाइल में ‘राष्ट्रीय प्रवक्ता कांग्रेस’ जोड़ा हुआ था, जो अब लिखा हुआ नहीं है. प्रियंका चतुर्वेदी ने अब अपनी ट्विटर प्रोफाइल में खुद को कॉलमिस्ट, ब्लॉगर, मदर बताया है.
दो दिन पहले जताई थी नाराजगी
बता दें कि दो दिन पहले ही प्रियंका ने उनके साथ बदसलूकी करने वाले कांग्रेस कार्यकर्ता को पार्टी में फिर से लेने के फैसले पर नाराजगी जताई थी. प्रियंका ने 17 अप्रैल को ट्वीट कर कहा था:
यह देखना बहुत दुखद है कि कांग्रेस पार्टी को अपना खून-पसीना पार्टी देने वाले लोगों की जगह पर खराब आचरण करने वाले लोगों को तरजीह दी जा रही है. मैंने पहले भी अपनी पार्टी के लिए लोगों की ओर से फेंके पत्थर और अपशब्दों की मार सहे हैं, लेकिन पार्टी में मेरे साथ दुर्व्यवहार करने वालों को, मुझे धमकाने वालों को बिना किसी कार्रवाई के ऐसे ही छोड़ा जा रहा है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल ये मामला तब शुरू हुआ, जब प्रियंका चतुर्वेदी सितंबर 2018 में राफेल मुद्दे पर मथुरा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही थीं. इसी दौरान कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ताओं ने प्रियंका के साथ कथित तौर पर बदतमीजी की थी, जिसके बाद उन लोगों को पार्टी से सस्पेंड कर दिया गया था. लेकिन अब दोबारा उन लोगों को पार्टी में शामिल कर लिया गया है.
प्रियंका चतुर्वेदी ने एक ट्वीट को रीट्वीट किया था, जिसमें इस बात की जानकारी थी कि ससपेंड किये गए सदस्यों ने अपने व्यवहार और आचरण के लिए खेद जताया है. उनके अनुरोध पर उन्हें पार्टी में फिर से शामिल किया जा रहा है.
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