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EC का चाबुक, मेनका 48, आजम 72 घंटे तक नहीं कर सकेंगे चुनाव प्रचार

आयोग ने आचार संहिता उल्लंघन के मामले में आजम खां पर 72 घंटे और मेनका गांधी पर 48 घंटे के प्रचार का रोक लगाया है.

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समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां और बीजेपी की नेता मेनका गांधी पर चुनाव आयोग का चाबुक चला है. आयोग ने आचार संहिता उल्लंघन के मामले में आजम खां पर 72 घंटे और मेनका गांधी पर 48 घंटे के प्रचार का रोक लगाया है. आयोग ने आदेश जारी कर मेनका गांधी को मंगलवार (16 अप्रैल) को सुबह दस बजे से अगले 48 घंटे तक देश में कहीं भी किसी भी प्रकार से चुनाव प्रचार में हिस्सा लेने से रोक दिया है. इसी तरह एक अन्य आदेश में आजम खां को भी मंगलवार सुबह दस बजे से अगले 72 घंटे तक चुनाव प्रचार करने से रोका गया है.

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बता दें कि मेनका गांधी उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर संसदीय क्षेत्र से बीजेपी की और आजम खां रामपुर संसदीय क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार हैं.

आयोग ने मेनका गांधी को 11 अप्रैल को सुल्तानपुर में एक नुक्कड़ सभा में एक संप्रदाय विशेष के बारे में की गई विवादित टिप्पणी से आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए प्रचार करने से रोका है.

पिछले आम चुनाव के दौरान ही आयोग ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और समाजवादी पार्टी नेता आजम खान को उत्तर प्रदेश में प्रचार करने से रोका था. चुनाव आयोग ने अब अपने आदेश में कहा कि आजम खान ने अपने चुनाव प्रचार अभियान के तरीके में कोई बदलाव नहीं किया है और वो अभी भी बेहद आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं.

रामपुर में रैली के दौरान जया प्रदा पर हमला करते हुए आजम खां कुछ बेहद आपत्तिजनक बोल गए. उन्होंने कहा था कि जिसको हम ऊंगली पकड़कर रामपुर लाए, आपने 10 साल जिससे अपना प्रतिनिधित्व कराया...उसकी असलियत समझने में आपको 17 बरस लगे. इसके बाद आजम खान कुछ ऐसा बोल गए जिससे सियासी घमासान शुरू हो गया. वीडियो में सुनें क्या बोले आजम खान-

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मेनका गांधी का बयान क्या था?

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वहीं केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने यूपी के सुल्तानपुर में अपनी एक चुनावी सभा में कहा था कि अगर मुसलमान उन्हें वोट नहीं देंगे तो वह उनका काम नहीं करेंगी. बीजेपी की सीनियर लीडर मेनका ने कहा था कि वो ये चुनाव जीत चुकी हैं. वह मुसलमानों के वोट के बगैर भी जीत रही हैं. लेकिन कल अगर मुसलमान काम के लिए आएंगे तो सोचिए मेरा रिएक्शन क्या होगा.

इससे पहले चुनाव आयोग ने मायावती और योगी आदित्यनाथ पर भी बैन लगाया है.

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