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प्रदर्शनकारियों से खट्टर: 'हम संयम बरत रहे लेकिन सीमा न लाघें'

सीएम मनोहर लाल खट्टर का आरोप है कि आंदोलन से हत्या, बहन-बेटियों की इज्जत पर आंच आने जैसी घटनाएं भी सामने आई हैं.

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दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर किसान कानूनों (Farm Law) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों से हरियाणा के CM मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने 'अपील' की है. खट्टर का कहना है कि प्रदर्शनकारी किसान 'शब्द' की मर्यादा को नुकसान पहुंचा रहे हैं और अलोकतांत्रिक तरीके से व्यवहार कर रहे हैं. सीएम मनोहर लाल खट्टर का कहना है कि मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक सभी को गांवों नहीं जाने देने की बात ये प्रदर्शनकारी कर रहे हैं, सरकार संयम बरत रही है लेकिन संयम की सीमा से आगे बढ़ना किसी के लिए भी सही नहीं है.

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हम संयम बरते हुए हैं. वो हमेशा कहते हैं मंत्री नहीं जा सकता, विधायक नहीं जा सकता, मुख्यमंत्री नहीं जा सकता, डिप्टी सीएम नहीं जा सकता. आखिर सरकार को चलाने वालों की जिम्मेदारी है जनता के बीच जाना और जनता की बातों को सुनना. जिस तरह से उनके नोटिस निकलते हैं और जैसी भाषा होती है, वो अलोकतांत्रिक है. हमपर छींटाकशी की जाती है, हम कुछ नहीं कहते. सोचते हैं कि आखिरकार ये लोग अपने ही हैं, हरियाणा के हैं. जब हमारे अपने लोग कुछ कह भी रहे हैं तो हम बर्दाश्त कर रहे हैं सहन कर रहे हैं लेकिन सीमा से आगे बढ़ना किसी के हित में नहीं हैं.
मनोहर लाल खट्टर, मुख्यमंत्री, हरियाणा

किसान शब्द को बदनाम कर रहे हैं आंदोलनकारी: खट्टर

मनोहर लाल खट्टर का आरोप है कि आंदोलन से हत्या, बहन-बेटियों की इज्जत पर आंच आने जैसी घटनाएं भी सामने आई हैं. इस वजह से किसान जैसे 'पवित्र शब्द' का लोगों के बीच में अपमान हो रहा है.

इस आंदोलन का एक दुखद पहलू ये निकला है कि आंदोलन में कई तरह की ऐसी दुर्घटनाएं सामने आई हैं कि इस शब्द (किसान) को बदनाम करने के लिए भी लोग मुंह खोलने लगे हैं. तरह-तरह की घटनाएं, बहन-बेटियों की इज्जत लूटी जा रही है, मर्डर तक हो गए हैं, स्थानीय लोगों के साथ विवाद होने लगे हैं, पंचायत होने लग गई हैं. एक दूसरे के विरोध में हो गए हैं. अलोकतांत्रिक तरीके से आंदोलनकारी जो कर रहे हैं उसकी मैं निंदा करता हूँ.
मनोहर लाल खट्टर, मुख्यमंत्री, हरियाणा

सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री बातचीत का प्रस्ताव रख रहे हैं लेकिन किसान एक ही जिद लगाए हुए हैं. मुख्यमंत्री का कहना है कि किसान कानूनों की खामियों को बताए बगैर एक ही रट लगाए रखना किसी भी लिहाज से सही नहीं है.

यूपी गेट पर बीजेपी कार्यकर्तार्ओं-किसानों के बीच जमकर मारपीट

बता दें कि इससे पहले यूपी गेट गाजीपुर बॉर्डर पर सुबह किसानों और बीजेपी कार्यकतार्ओं के बीच मारपीट की घटना सामने आई. इसमें गाड़ियों में तोड़ फोड़ और कुछ लोगों के चोट लगने का दावा किया जा रहा है.जानकारी के अनुसार, सुबह 10 बजे करीब बीजेपी के कुछ कार्यकर्ता बीजेपी नेता अमित वाल्मीकि के स्वागत में आंदोलन स्थल के पास मौजूद थे, ढोल नगाड़े बजाकर उनका स्वागत किया जा रहा था. इसी दौरान किसानों ने भी इस बात पर आपत्ति जताई और उनको काले झंडे दिखाना शुरू कर दिए. देखते ही देखते दोनों गुटों की बीच मारपीट शुरू हो गई.

बीजेपी एक कार्यकर्ता ने बताया, हम अपने नेता का स्वागत कर रहे थे और टिकैत अपने साथियों के साथ आया, उनके हाथों में लोहे के डंडे वगैरह थे. उन्होंने गाड़ियों में तोड़फोड़ और मारपीट शुरू कर दी. उन्होंने करीब 70 से 80 गाड़ियों में तोड़फोड़ की है.

दूसरी ओर किसानों का आरोप है कि बीजेपी के कुछ कार्यकर्ता आंदोलन स्थल पहुंच किसानों के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे, तभी किसानों और उनके बीच मारपीट हुई.किसानों द्वारा ये भी कहा जा रहा है कि, बीजेपी कार्यकता गाली -गलौच कर रहे थे. किसानों ने इसपर अप्पति जताई तो उन्होंने पत्थर फेंकना शुरू कर दिया. जिसके बाद ये घटना हुई .

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