कंटीली तारें, सड़कों पर लंबी कीलें, परमानेंट बैरिकेडिंग, पक्की दीवार और सैकड़ों की संख्या में पुलिसबल... हम यहां चीन या पाकिस्तान बॉर्डर की बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि ये नजारा दिल्ली से सटी सीमाओं का है. जहां किसान केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. पुलिस ने प्रदर्शन स्थल के पास ऐसी व्यवस्था की है, जिसे देखकर हर कोई हैरान है. इस तमाम इंतजाम को लेकर विपक्षी नेताओं ने मोदी सरकार को जमकर घेरा है.
राहुल गांधी ने शेयर की तस्वीरें
कांग्रेस नेता राहुल गांधी कृषि कानूनों को लेकर लगातार केंद्र पर हमलावर हैं. राहुल साफ कर चुके हैं कि वो और कांग्रेस पूरी तरह से किसानों के साथ खड़ी है. इससे पहले उन्होंने किसानों से कहा था कि उन्हें डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि विपक्ष उनके साथ है. अब राहुल गांधी ने बॉर्डर पर हो रही किलेबंदी की कई तस्वीरें शेयर की हैं. जिसमें उन्होंने कहा है कि, "भारत सरकार आप ब्रिज बनाइए, दीवारें नहीं."
संजय राउत बोले- सरकार चीन बॉर्डर पर लगाए किले
राहुल गांधी के अलावा शिवसेना नेता संजय राउत ने भी इस किलेबंदी को लेकर हैरानी जताई. राउत खुद दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर किसानों से बातचीत के लिए पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि,
“दिल्ली बॉर्डर पर नहीं, बल्कि चीन बॉर्डर की ओर सरकार किले लगाए.” उन्होंने किसानों की मौत पर केंद्र पर आरोप लगाया है कि ये मृत्यु नहीं हत्या है. साथ ही तैनात सुरक्षा को देख केंद्र से सवाल किया है कि क्या देश मे अभी भी लोकतंत्र बचा है?
बता दें कि संजय राउत शिवसेना के सभी सांसदों के साथ किसानों के धरना स्थल पर पहुंचे थे. उन्होंने इस दौरान कहा कि, "मुझे उद्धव ठाकरे जी ने खास तौर पर भेजा है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री किसानों के समर्थन में हैं. 26 जनवरी के बाद हमने जो माहौल देखा और जिस तरह राकेश टिकैत जी के आंखों में आंसू देखे, उसके बाद हम कैसे रह सकते थे?"
‘बिछाकर कंटीली तार, कहते हैं आ करें बात’
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी किसानों के प्रदर्शन को लेकर बिछाई गईं तारों को लेकर ट्वीट किया. उन्होंने शायराना अंदाज में सरकार पर तंज कसते हुए लिखा,
“सियासत तू है कमाल, उठाके रास्ते में दीवार, बिछाकर कंटीले तार, कहती है आ करें बात”
कांग्रेस नेता उदित राज ने भी सीमा पर ऐसी तैयारियों को लेकर ट्वीट किया. उन्होंने कहा कि, "मिसाइल और एटम बम कब काम आएंगे. कटीले तार, सीमेंट की दीवार, कील और बैरियर से किसान आंदोलन नहीं थम रहे हैं."
क्या है पूरा मामला?
अब आपको बताते हैं कि ये पूरा मामला आखिर क्या है. दरअसल 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस की तैयारियों को लेकर लगातार सवाल उठ रहे थे, कहा जा रहा था कि इतनी बड़ी परेड के लिए दिल्ली पुलिस ने क्यों पुख्ता तैयारी नहीं की थी? इस घटना के बाद अब पुलिस ने प्रदर्शन स्थल से दिल्ली आने वाली सड़कों को पूरी तरह से सील कर दिया है. बॉर्डर पर पक्की दीवारें तक बनाए जाने की तस्वीरें सामने आ रही हैं, साथ ही कई लेयर में बैरिकेडिंग और कंटीली तारें बिछाई गई हैं. पक्की सड़क पर भी सीमेंट लगाकर कीलें गाड़ दी गई हैं. इतना ही नहीं, बॉर्डर पर सैकड़ों की संख्या में पुलिसबल भी तैनात किया गया है. इसके पीछे सुरक्षा का हवाला दिया जा रहा है.
इसे लेकर अब विपक्षी नेता सरकार को घेरने की कोशिश में हैं. उनका कहना है कि किसी देश की सीमा पर जैसे सुरक्षा होती है, उस तरह किसानों के प्रदर्शन को लेकर हो रही है. सोशल मीडिया पर भी लोग इन तस्वीरों को शेयर कर सरकार की आलोचना कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि सरकार देश के किसानों से इतना डर गई है कि अब ऐसी किलेबंदी की जा रही है.
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