नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के खिलाफ विपक्षी नेताओं की गांधी शांति यात्रा शुरू हो गई है. 3000 किमी. की यह यात्रा मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया से शुरू हुई है. इस यात्रा के लिए मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया पर एनसीपी चीफ शरद पवार, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, शत्रुघ्न सिन्हा और कांग्रेस के पृथ्वीराज चौहान जैसे कई बड़े नेता शामिल हुए.
बता दें कि मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया से गांधी शांति यात्रा शुरू होकर कई राज्यों से होते हुए दिल्ली में खत्म होगी. गांधी शांति यात्रा का मकसद सरकार से राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) नहीं लाने और नागरिकता कानून पर फिर से सोचने को मजबूर करने का है.
यशवंत सिन्हा ने कहा- दोबारा गांधी की हत्या नहीं होने दें
इस मार्च को संबोधित करते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा है कि हम एक बार फिर से महात्मा गांधी की हत्या नहीं होने देंगे. गांधी शांति यात्रा के दौरान ये दोनों नेता सीएए, एनआरसी और जज लोया की संदिग्ध मौत का मुद्दे को उठाएंगे. साथ ही, केंद्र सरकार से एनआरसी लागू नहीं करने की मांग करेंगे
इस यात्रा को हरी झंडी दिखाने के लिए वंचित बहुजन अघाड़ी के नेता प्रकाश आंबेडकर और एनसीपी नेता नवाब मलिक भी शामिल हुए. मुंबई से शुरू हुई गांधी शांति यात्रा महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा से होकर 30 जनवरी को दिल्ली के राजघाट पर खत्म होगी. ये यात्रा यशवंत सिन्हा द्वारा पिछले महीने दिसंबर में शुरू किए गए राजनीतिक मंच ‘राष्ट्र मंच’ के बैनर तले आयोजन किया जा रहा है.
शत्रुघ्न सिन्हा बोले, ट्रोल्स के लिए निशाना बनाना अब बिजनेस
इससे पहले बुधवार को यात्रा के लेकर कांग्रेस नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा , ‘‘अगर आज महात्मा गांधी और जयप्रकाश नारायण जैसे महान नेता आज होते तो पता नहीं बीजेपी के ट्रोल उनके साथ क्या करते? देशहित में सच्चाई का साथ देने वाले किसी को भी निशाना बनाना ट्रोल्स के लिए कोई बड़ी बात नहीं, बल्कि बिजनेस है. ट्रोल खुद राष्ट्र विरोधी हरकतों में हिस्सा लेते हैं, लेकिन दूसरों को राष्ट्र विरोधी बताते हैं. उनके लिए न तो यह बड़ी चीज है न बुरी. जिस समय देश में रोजगार की कमी हो तब रोजगार केवल बीजेपी के वॉर रूम में ही मिल सकता है.
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