खादी ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के कैलेंडर-डायरी पर महात्मा गांधी की जगह पीएम नरेंद्र मोदी की तस्वीर के मुद्दे ने सियासी रंग ले लिया है. कांग्रेस, वाम मोर्चा, तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सहित तमाम विपक्षी पार्टियों ने एकजुट होकर इसकी निंदा की है और जोर देकर कहा है कि राष्ट्रपिता को 'बदला' नहीं जा सकता.
पीएम पर चुटकी लेते हुए तृणमूल अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, "गांधीजी देश के राष्ट्रपिता हैं. मोदी जी क्या हैं?"
आप नेता केजरीवाल ने ट्वीट किया, "गांधी बनने के लिए सालों तपस्या करनी पड़ती है. सिर्फ चरखा चलाकर कोई गांधी नहीं बन सकता, लोग केवल इसकी हंसी उड़ाते हैं."
यह एक 'घटिया' हरकत है
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (एमसीपी) के महासचिव सीतराम येचुरी ने कहा, "इस तरह की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. महात्मा गांधी की जगह कोई नहीं ले सकता. इस तरह की बातें प्रधानमंत्री कार्यालय को शोभा नहीं देतीं."
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता गुरुदास दासगुप्ता ने कहा, "अपना आक्रोश जताने के लिए मेरे पास एक ही शब्द है, यह 'घटिया' हरकत है."
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा, "मंगलयान का प्रभाव."
खादी और गांधीजी हमारे इतिहास, आत्मनिर्भरता के प्रतीक हैं. गांधीजी की तस्वीर हटाना पाप है. यह विडंबना ही है कि मोदी, महात्मा गांधी से अहिंसा का प्रतीक लेने का प्रयास कर रहे हैं.रणदीप सुरजेवाला, कांग्रेस नेता
इस घटना की निंदा करते हुए जनता दल (यूनाइटेड) भी विरोध में खड़ी है. जेडीयू के प्रवक्ता के.सी.त्यागी ने कहा, "हम फैसले की कड़ी निंदा करते हैं. यह हमारे महात्मा, राष्ट्रनायक और प्रेरणा का अपमान है. वह सबसे ऊपर हैं और मोदी उनके सामने कुछ नहीं हैं. केवीआईसी को कैलेंडर और डायरी को दोबारा जारी करना चाहिए, जिसमें महात्मा गांधी की तस्वीर हो."
गांधी की फोटो छापना कोई नियम नहीं
साल 1996, 2002, 2005, 2011, 2012, 2013 और 2016 के कैलेंडर-डायरी पर गांधी की तस्वीर नहीं छापी गई थी.
कैलेंडर डायरी पर सिर्फ महात्मा गांधी की ही फोटो छापना है, ऐसा केवीआईसी में कोई नियम नहीं है.
पढ़े- खादी उद्योग के कैलेंडर-डायरी पर पीएम मोदी ने ली बापू की जगह
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)