राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र को एक नया प्रस्ताव सौंपा है. इसमें 31 जुलाई से सत्र बुलाए जाने की मांग की गई है. इसके लिए एजेंडे पर कोरोना वायरस को रखा गया है, इसलिए प्रस्ताव में फ्लोर टेस्ट करवाए जाने का जिक्र नहीं है.
बता दें राज्यपाल ने पहले गहलोत के सत्र बुलाए जाने का प्रस्ताव रद्द कर दिया था. उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री के पत्र में किसी तारीख या कारण का जिक्र नहीं है.
कांग्रेस का बीजेपी के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन
इस बीच कांग्रेस राजस्थान के मुद्दे पर बीजेपी के खिलाफ पूरे देश में प्रदर्शन करने की योजना बना रही है. कांग्रेस नेता अजय माकन ने बताया,"सोमवार को कांग्रेस कार्यकर्ता पूरे देश के भीतर सभी स्टेट में राजभवनों के सामने प्रदर्शन करेंगे."
माकन का कहना है कि भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में कभी विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस को नहीं रोका गया, ना ही कभी ऐसा हुआ कि चुनी हुई सरकार को सत्र नहीं बुलाने दिया जा रहा है.
माकन ने आगे कहा कि सोमवार को होने वाले प्रदर्शनों में कांग्रेस कार्यकर्ता राजभवन के सामने प्रदर्शन करते हुए मांग करेंगे कि राजस्थान में लोकतंत्र को बचाया जाए और केंद्र सरकार से अपील करेंगे कि राजस्थान में राजभवन को विधानसभा सत्र बुलाने के लिए कहे.
बता दें राजस्थान का सियासी संकट गहलोत और सचिन पायलट के टकराव के साथ शुरु हुआ था. लेकिन गहलोत ने सरकार बनाने के लिए जरूरी विधायकों को अपने पास बरकरार रखा है. ऐसे में उनकी मंशा थी कि जल्दी से बहुमत साबित कर दिया जाए. लेकिन राज्यपाल ने उनके प्रस्ताव को वापस कर दिया था.
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