ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन चुनावों के नतीजे तकरीबन साफ हो चुके हैं. बीजेपी दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, वहीं टीआरएस की सीटें काफी कम हुई हैं. GHMC की 150 सीटों में टीआरएस को 55 सीटें हासिल हुईं हैं वहीं बीजेपी ने 48 और AIMIM ने 44 सीटें हासिल की हैं. असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने 51 सीटों पर चुनाव लड़ा था.
नतीजों की 5 बड़ी बातें वीडियो में समझिए
अमित शाह ने नतीजे देखकर तेलंगाना की जनता को शुक्रिया कहा है. उन्होंने कहा है कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सियासत पर भरोसा दिखाने के लिए तेलंगाना की जनता का शुक्रिया. उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, तेलंगाना बीजेपी अध्यक्ष समेत कार्यकर्ता को नतीजों पर बधाई भी दी है. बीजेपी के कई बड़े नेता इन नतीजों को ‘जीत’ के तौर पर बता रहे हैं सेलिब्रेट भी कर रहे हैं.
BJP क्यों हैं खुश, ये आंकड़े बता रहे हैं
ये आंकड़ा बीजेपी के लिए कितना बड़ा है, उसे आप इस बात से समझ सकते हैं कि 2016 में हुए ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव में टीआरएस ने 150 वार्डों में से 99 वार्ड में जीत दर्ज की थी, जो घटकर 55 पर आ गई है. 2016 में AIMIM ने 60 सीटों पर चुनाव लड़कर 44 सीटें हासिल की थीं वहीं बीजेपी को महज 4 सीट मिली थी, अब वो बढ़कर 48 पहुंच गई है. कांग्रेस की बात करें तो तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष ने इस्तीफा दे दिया है.
ये तो हो गई आंकड़ों की बात, अब बीजेपी को ऐसी ही आंकड़ों की दरकार भी थी. क्योंकि पहली बार GHMC चुनाव की इतनी चर्चा होते देखी जा रही है. राज्यों के चुनाव नतीजों की तरह इसकी मीडिया कवरेज हुई है. इस मीडिया कवरेज की वजह है बीजेपी का जबरदस्त चुनावी प्रचार. गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ तक इस म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के चुनाव में लगे हुए थे. अब जो नतीजे सामने आए हैं उनसे साफ है कि बीजेपी का इस कदर किया गया चुनावी प्रचार कामयाब हुआ है.
तेलंगाना विधानसभा चुनाव ‘कनेक्शन’
GHMC चुनाव के नतीजों की अहमियत इस बात से भी है क्योंकि ये नगर निगम देश के सबसे बड़े नगर निगमों में से एक है. ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम में 4 जिले हैदराबाद, रंगारेड्डी, मेडचल-मलकजगिरी और संगारेड्डी आते हैं. वहीं पूरे इलाके में 24 विधानसभा क्षेत्र और 5 लोकसभा सीटें आती हैं.
2018 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने हैदराबाद में अपनी छह सीटें खो दी थीं, पार्टी सिर्फ एक सीट बचाने में कामयाबी हासिल की थी. उस सीट पर बीजेपी के राजा सिंह ने जीतकर बीजेपी की लाज बचाई थी. बता दें कि 2018 के चुनाव में टीआरएस ने दो तिहाई बहुमत हासिल कर सत्ता में वापसी की थी. पूरे तेलंगाना विधानसभा समीकरण की बात भी करें तो बीजेपी काफी कमजोर नजर आती है, ऐसे में ये नतीजे बीजेपी का 'कॉन्फिडेंस' जरूर बढ़ा देंगे.
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