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UP उपचुनाव के बाद BJP की लोकसभा सीट 273, अब बहुमत से 1 ही ज्यादा

यूपी उपचुनावों में मिली हार के बाद क्या है बीजेपी की लोकसभा में स्थिति और उसके मायने यहां जानिए

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उत्तर प्रदेश उपचुनाव के नतीजों के बाद एक बात तो साफ है कि 'विपक्षी एकता' ने दमखम दिखाया तो 2019 लोकसभा चुनाव बीजेपी के लिए बेहद मुश्किल होने जा रहा है. गोरखपुर-फूलपुर दोनों सीटें बीजेपी के हाथ से निकलकर समाजवादी पार्टी के पास आ चुकी हैं.

सिर्फ ये उपचुनाव नहीं, बल्कि 2014 लोकसभा चुनाव के बाद से अबतक हुए लोकसभा उपचुनाव कर्ई ट्रेंड बताते हैं. जैसे कि एक खास ट्रेंड ये है कि राष्ट्रीय पार्टियों में बीजेपी ने सबसे ज्यादा अपनी सीटिंग सीटें गंवाईं हैं.

बीजेपी को 10 सीटों पर हुए उपचुनाव में 6 पर हार का सामना करना पड़ा है.

जहां 2014 में नरेंद्र मोदी की पार्टी बीजेपी को 282 सीटें हासिल हुईं थी, उसका आंकड़ा संसद में अब घटकर 273 हो चुका है. 272 सीटें बहुमत के लिए हासिल करनी होती है. ये सीटें कम कैसे होती जा रही हैं? इसका बड़ा कारण है उपचुनाव में बीजेपी अपनी कई सीटों को बचाने में नाकाम रही है.

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स्नैपशॉट
  • बीजेपी के 5 सांसदों ने लोकसभा चुनाव के बाद दिया इस्तीफा
  • बीजेपी के 8 सांसदों की मौत के कारण खाली हुए सीट
  • 2014 के बाद से अबतक 10 बीजेपी की सीटों पर हुए उपचुनाव
  • 10 सीटों में 4 पर बीजेपी को मिली जीत, 6 पर हार
यूपी उपचुनावों में मिली हार के बाद क्या है बीजेपी की लोकसभा में स्थिति और उसके मायने यहां जानिए
(फोटो: क्विंट हिंदी/रोहित मौर्य)
यूपी उपचुनावों में मिली हार के बाद क्या है बीजेपी की लोकसभा में स्थिति और उसके मायने यहां जानिए
(फोटो: क्विंट हिंदी/रोहित मौर्य)
यूपी उपचुनावों में मिली हार के बाद क्या है बीजेपी की लोकसभा में स्थिति और उसके मायने यहां जानिए
(फोटो: क्विंट हिंदी/रोहित मौर्य)

2014 में मोदी ‘लहर’ की बात की जा रही थी. ऐसे में 2014 में हुए बीड और नरेंद्र मोदी की सीट वडोदरा में बीजेपी ने करीब 7 लाख और 3 लाख वोटों से उपचुनाव जीता. 2015 में इस ‘लहर’ के रास्ते में रुकावट एमपी के रतलाम सीट पर आईं और बीजेपी ने वो सीट कांग्रेस के हाथों गंवा दी.

साल 2017 और 2018 में हुए 5 लोकसभा उपचुनाव में इस लहर की रफ्तार कुंद पड़ी और बीजेपी ने गुरदासपुर, अलवर, अजमेर के साथ-साथ फूलपुर और गोरखपुर सीटें भी गंवा दिए.

गोंदिया सीट से सांसद पार्टी से थे नाराज

गुजरात चुनाव से ठीक पहले बीजेपी सांसद नानाभाऊ पटेल ने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया था. गुजरात के गोंदिया-भंडारा सीट के सांसद पटोले ने किसानों के मुद्दे पर सवाल उठाते हुए पार्टी को छोड़ दिया फिलहाल वो कांग्रेस के साथ हैं.

ऐसे में 2014 में बीजेपी की जीती हुई 9 सीटें फिलहाल उसके हाथ में नहीं है. ये सीटें हैं-

सीट                          कारण

गोंडिया (महाराष्ट्र)          इस्तीफा, पार्टी से नाराजगी

फूलपुर (यूपी)              उपचुनाव में हार

गोरखपुर (यूपी)            उपचुनाव में हार

अजमेर (राजस्थान)            उपचुनाव में हार

अलवर (राजस्थान)            उपचुनाव में हार

गुरदासपुर (पंजाब)          उपचुनाव में हार

रतलाम (एमपी)            उपचुनाव में हार

कैराना (यूपी)              सांसद का निधन

पालघर (महाराष्ट्र)            सांसद का निधन

ऐसे में बीजेपी की सीटें उपचुनाव में लगातार कम हुईं हैं, अलवर, अजमेर और रतलाम के बाद अब फूलपुर और गोरखपुर जैसी हाईप्रोफाइल सीट भी बीजेपी के हाथ से निकल गई है. इस लिहाज से बीजेपी के लिए राजस्थान, यूपी और मध्य प्रदेश की कुल 134 लोकसभा सीटों पर 2019 का चुनाव बड़ी चुनौती बन सकता है.

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