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विजय रूपाणी: रंगून से गांधीनगर, ऐसे आगे बढ़ा राजनीति का सफर 

दूसरी बार गुजरात की  बागडोर संभाल रहे हैं विजय रूपाणी

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गुजरात में बीजेपी छठी बार सरकार बनाने जा रही है. इस सरकार का नेतृत्व विजय रूपाणी करेंगे. रूपाणी दूसरी बार गुजरात के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. इससे पहले आनंदीबेन पटेल के मुख्यमंत्री के पद से हटने के बाद 7 अगस्त 2016 को उन्हें पहली बार गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया गया था.

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छात्र राजनीति से राजनीतिक करियर की शुरुआत

रूपाणी का जन्म 2 अगस्त 1956 को रंगून (अब यंगून) में हुआ था. जैन परिवार से ताल्लुक रखने वाले रूपाणी के माता-पिता मायाबेन और रमनीकलाल बर्मा (म्यांमार) में रहते थे. लेकिन बर्मा में राजनीतिक अस्थिरता की वजह से उनका परिवार 1960 में राजकोट आ गया था. यहीं से उन्होंने बीए तक की पढ़ाई की. इसके बाद सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी से एलएलबी की पढ़ाई की. स्टॉक ब्रोकर के तौर पर भी रूपाणी काम कर चुके हैं.

अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत रूपाणी ने छात्र राजनीति से की. सबसे पहले वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े. बाद में आरएसएस से जुड़े और 1971 में जनसंघ का दामन थामा. बीजेपी की स्थापना के समय से ही वे बीजेपी के साथ हैं.

उन्होंने 1987 में राजकोट का मेयर बन सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया. जेपी आंदोलन में उन्होंने सौराष्ट्र अभियान का नेतृत्व किया और साल 1976 में आपातकाल के दौरान जेल भी गए. इस दौरान भुज और भावनगर की जेल में रहे.

दूसरी बार गुजरात की  बागडोर संभाल रहे हैं विजय रूपाणी

राजनीतिक सफर

  • 1971 में जनसंघ ज्वाइन किया
  • 1978 से 1981 तक आरएसएस के प्रचारक रहे
  • 1987 में राजकोट नगर निगम के पार्षद चुने गए
  • 1988-1996 राजकोट म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन के स्टैंडिंग कमिटी के चेयरमैन बने
  • 1996 से 1997 तक राजकोट के मेयर रहे
  • 1998 में गुजरात बीजेपी के महासचिव बने और चार बार इस पद पर रहे
  • 2006 से 2012 तक राज्यसभा के सदस्य रहे
  • 2016 में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बने
  • 2014 में राजकोट पश्चिम विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत दर्ज की
  • नवंबर 2014 में आनंदीबेन पटेल के कैबिनेट में जगह मिली
  • 7 अगस्त 2016 को पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने

2019 आम चुनाव को ध्यान में रखकर रूपाणी का चयन

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक कि राज्य के 17वें मुख्यमंत्री के तौर पर पार्टी के पास कई अन्य चेहरे भी थे, जिसमें गुजरात का प्रतिनिधित्व कर रहे केंद्रीय मंत्री भी शामिल थे. लेकिन इन सभी पर लोकसभा चुनाव को देखते हुए ध्यान नहीं दिया गया.

रूपाणी का चयन 2019 लोकसभा चुनाव को देखते हुए किया गया है, जो केवल 18 महीने दूर है. पार्टी किसी नए चेहरे को लाकर मौजूदा काम और विकास में रूकावट पैदा करने का जोखिम नहीं लेना चाहती.

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सूत्रों के मुताबिक, रूपाणी पार्टी में स्वीकार्य चेहरा हैं और उनके नेतृत्व में बीजेपी ने अच्छा प्रदर्शन किया है, खासकर उनके होमटाउन में.
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सर्वसम्मति से रूपाणी के नाम पर लगी मुहर

वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में नवनियुक्त विधायकों की बैठक में बीजेपी ने विजय रूपाणी के नाम पर मुहर लगाई. जेटली ने बताया कि विधायकों ने निर्विरोध रूप से रूपाणी को बीजेपी विधायक दल का नेता चुना. उन्होंने बताया कि नितिन पटेल को सदन का उपनेता चुना गया है और उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा.

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छठी बार बीजेपी की सरकार

बीजेपी ने हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में 182 सदस्यीय सदन में 99 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया था. वैसे पार्टी की सीटें इस बार 16 कम हो गयी. उसने 2012 में 115 सीटें हासिल की थीं. बीजेपी ने गुजरात में लगातार छठी बार विधानसभा चुनाव जीता है.

विपक्षी कांग्रेस अपनी सीटें बढाने में कामयाब रही है. उसे 2012 में 61 सीटें मिली थीं, इस बार उसने 77 सीटें जीती हैं. सहयोगियों के साथ मिलकर विधानसभा में उसके पास कुल 80 सीटें हो गयी हैं.

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(इनपुटः IANS से)

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