गुजरात में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सियासी हलचल शुरु हो गई है. मुख्यमंत्री विजय रुपाणी (Vijay Rupani) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी आलाकमान का अभार व्यक्त किया.
इस्तीफा देने के बाद विजय रुपाणी ने कहा कि, ठमेरा मानना है कि गुजरात के विकास की यह यात्रा प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में एक नई उत्साह, नई ऊर्जा के साथ, नए नेतृत्व में आगे बढ़नी चाहिए. मैंने ये ध्यान रखकर गुजरात के मुख्यमंत्री पद के दायित्व से इस्तीफा दिया है. संगठन एंव विचार धारा आधारित दल होने के नाते भारतीय जनता पार्टी की यह परपंरा रही है कि समय के साथ-साथ कार्यकर्ताओं के दायित्व भी बदलते रहते हैं. यह हमारी पार्टी की विशेषता हैं."
'चुनावी गणित का ख्याल रखा जा रहा है'
विजय रुपाणी के इस्तीफे के बाद से ही कई राजनीतिक नेताओं के बयान सामने आने लगे हैं. गुजरात के वडगाम से विधायक दिग्नेश मेवानी ने ट्वीट कर कहा कि गुजरात के लोगों को लग सकता है कि महामारी को ठीक से मैनेज ना करने पर विजय रुपाणी ने इस्तीफा दिया होगा. लेकिन ये प्योर पॉलिटिक्स है, ये सब 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले चुनावी गणित को ध्यान में रखते हुए दिया है.
वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता प्रो. गौरव वल्लभ ने भी ट्वीट कर कहा कि अब विजय रुपाणी भी बीजेपी के मार्गदर्शक मंडल में शामिल होंगे.
कांग्रेस के राष्ट्रीय संयोजक सरल पटेल ने ट्वीट कर कहा कि सीएम विजय रुपाणी ने इस्तीफा दे दिया है. गुजरात कांग्रेस के सभी कार्यकर्ताओं को सलाम, गुजरात में अराजकता होने के बावजूद सभी ने अच्छी लड़ाई लड़ी.
उधर आम आदमी पार्टी के नेता राम कुमार झा ने ट्विटर पर दावा करते हुए लिखा कि 'AAP ने ही विजय रुपाणी सरकार को एक्सपोज किया है'
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