बहुजन समाज पार्टी(बीएसपी) की अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि चीन के मुद्दे पर वह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के साथ हैं. मायावती ने चीन के साथ सीमा पर विवाद के मामले पर सोमवार को यहां जारी एक बयान में अपना नजरिया स्पष्ट किया है. उन्होंने कहा कि चीन मुद्दे पर हम तो बीजेपी सरकार के साथ खड़े है. उन्होंने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का नाम नहीं लिया, लेकिन कहा कि चीन के मुद्दे पर कांग्रेस के लोग बेहूदी बातें करते हैं.
आरोप-प्रत्यारोप की घिनौनी राजनीति की जा रही है: मायावती
मायावती ने कहा कि "चीन के मुद्दे को लेकर देश में कांग्रेस और बीजेपी के बीच में आरोप-प्रत्यारोप की जो घिनौनी राजनीति की जा रही है, वह वर्तमान में कतई उचित नहीं है. अब तो इनकी आपसी लड़ाई का सबसे ज्यादा नुकसान देश की जनता को हो रहा है. इस लड़ाई में देशहित के मुद्दे दब रहे हैं."
बीएसपी चीफ ने कहा कि "दलगत राजनीति से ऊपर उठ हमने हमेशा देशहित के मुद्दों पर केंद्र सरकार का साथ दिया है. चीन के मुद्दे पर बीएसपी तो बीजेपी की सरकार के साथ खड़ी है."
उन्होंने कहा कि बीएसपी का जन्म ही कांग्रेस की गलत नीतियों के कारण हुआ है. कांग्रेस अपनी नीतियों के साथ सत्ता से गई. बीजेपी को कांग्रेस से सबक लेना चाहिए.
कांग्रेस पर जमकर बरसीं मायावती
बीएसपी प्रमुख मायावती ने कहा कि "कभी कांग्रेस कहती है कि बीएसपी तो बीजेपी के हाथ का खिलौना है. कभी बीजेपी कहती है कि बीएसपी तो कांग्रेस के हाथ का खिलौना है. इनको पता नहीं है कि दोनों पार्टियां राजनीति कर रही हैं. हम तो देश हित में काम करने वाले के साथ हैं. चीन के साथ सीमा पर तनाव के चलते देश के आंतरिक मुद्दे दब रहे हैं."
मायावती ने कहा कि देश की जनता इस वक्त कोरोनावायरस की मार से परेशान है, लॉकडाउन के कारण आर्थिक दिक्कतें हैं. दूसरी ओर सरकार दाम बढ़ा रही है, ऐसे में सरकार को तुरंत इन दाम को कंट्रोल करना चाहिए.
मायावती ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के उस बयान पर भी पलटवार किया, जिसमें उन्होंने बीएसपी को बीजेपी सरकार की प्रवक्ता बताया था. उन्होंने कहा कि "बीएसपी का उदय कांग्रेस के चलते हुआ है. मैं कांग्रेस पार्टी को बता देना चाहती हूं कि बीएसपी न तो कभी किसी पार्टी की प्रवक्ता रही है न भविष्य में रहेगी."
मायावती ने आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश अभियान पर भी हमला किया. उन्होंने कहा कि जमीन पर गरीब को लाभ नहीं पहुंचा है. सिर्फ प्रचार करने से काम नहीं चलेगा. सिर्फ योजनाएं लांच की जा रही हैं. योजनाओं की निगरानी करना जरूरी है.
(इनपुट: IANS)
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