महाराष्ट्र सरकार में हाउसिंग मिनिस्टर और NCP नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा है कि इतिहास उसी तरह अपने आप को दोहराएगा, जिस तरह इंदिरा गांधी के खिलाफ छात्रों का आंदोलन उनकी हार की वजह बना था.
आव्हाड ने 29 जनवरी को बीड में एक जनसभा के दौरान कहा,
‘’इंदिरा गांधी ने भी लोकतंत्र का गला घोंटा था, कोई भी उनके खिलाफ बोलने के लिए तैयार नहीं था. तब अहमदाबाद और पटना के छात्रों ने विरोध-प्रदर्शन किए और जेपी आंदोलन शुरू हुआ, जो उनकी (इंदिरा की) हार की वजह बना. महाराष्ट्र और देश में इतिहास दोहराया जाएगा.’’जितेंद्र आव्हाड, महाराष्ट्र सरकार में मंत्री
आव्हाड ने ये बातें नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ चल रहे विरोध-प्रदर्शनों के संबंध में कहीं.
हालांकि बाद में आव्हाड ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा, ''इंदिरा गांधी के कामों के लिए मेरे अंदर काफी सम्मान है. इमर्जेंसी के वक्त को लेकर राय कुछ अलग हो सकती है, लेकिन एक बात सच है कि जिसे मैं छिपाना नहीं चाहता, वो ये कि उनकी तुलना मोदी-शाह के साथ नहीं की जा सकती.''
बता दें कि महाराष्ट्र में फिलहाल शिवसेना, NCP और कांग्रेस के गठबंधन वाली सरकार है. जितेंद्र आव्हाड भी इसी सरकार में मंत्री हैं. ऐसे में पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस नेता इंदिरा गांधी के खिलाफ उनके बयान को हैरानी भरा माना जा रहा है.
इससे पहले शिवसेना नेता संजय राउत के इंदिरा गांधी को लेकर एक बयान पर भी विवाद हो गया था. दरअसल राउत ने पुणे में लोकमत मीडिया समूह के एक कार्यक्रम में इंटरव्यू के दौरान दावा किया था कि ‘‘इंदिरा गांधी (गैंगस्टर) करीम लाला से पायधोनी (दक्षिण मुंबई में) मुलाकात करती थीं.’’
राउत के इस बयान को गलत बताते हुए महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष बालासाहेब थोराट ने कहा था कि इस तरह के बयान बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे.
हालांकि बाद में राउत ने अपना बयान वापस लेते हुए कहा था, ‘‘अगर किसी को लगता है कि मेरे बयान से इंदिरा गांधी की छवि खराब हुई है या किसी की भावनाएं आहत हुई हैं तो मैं इसे वापस लेता हूं.’’इसके अलावा उन्होंने कहा था, ''करीम लाला पठान समुदाय के नेता थे...वह पठान नेता के तौर पर इंदिरा गांधी सहित कई शीर्ष नेताओं से मिले थे.''
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