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गांधी जयंती पर जम्मू के नेताओं को ‘आजादी’, हाउस अरेस्ट से हुए रिहा

स्थानीय चुनावों को देखते हुए नेताओं को किया गया रिहा

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गांधी जयंती के मौके पर आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से जम्मू में हिरासत में लिए गए विपक्षी नेताओं को रिहा कर दिया गया है. केंद्र सरकार ने आने वाले निकाय चुनावों को देखते हुए ये फैसला लिया है. हालांकि कश्मीर में बंद कई नेता और कार्यकर्ता अभी भी हिरासत में ही रहेंगे.

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जानकारी के मुताबिक जम्मू में रहने वाले उन नेताओं पर लगाई गई सभी पाबंदियां हटा ली गई हैं, जिन्हें आर्टिकल 370 खत्म किए जाने के बाद ऐतिहातन हिरासत में लिया गया था.

इन नेताओं को किया गया रिहा

जम्मू के पूरे इलाके में पिछले कई दिनों से शांति बनी हुई है. जिसके चलते यहां चुनाव आयोग ने स्थानीय चुनावों की घोषणा की. इसके बाद अब स्थानीय नेताओं को भी रिहा गया है. जिन नेताओं को हाउस अरेस्ट से रिहा किया गया है उनमें - नेशनल कॉन्फ्रेंस के देवेंद्र सिंह राणा, रमन भल्ला, हर्षदेव सिंह, डोगरा स्वाभिमान संगठन पार्टी के अध्यक्ष चौधरी लाल सिंह, विकार रसूल, जावेद राणा, सुरजीत सिंह स्लाथिया और सज्जाद अहमद किट्चलू जैसे नेता शामिल हैं.

एनडीटीवी से बात करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता देवेंद्र राणा ने कहा, 'मुझे कल शाम पुलिस की तरफ से बताया गया कि मेरे आने-जाने पर सभी तरह की पाबंदिया हटा दी गई हैं.'

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आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से कश्मीर में लगाई गई पाबंदियों को लेकर और नेताओं के हाउस अरेस्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई हैं. सुप्रीम कोर्ट की संविधान बेंच इन सभी याचिकाओं पर 14 नवंबर को सुनवाई करेगी. पाबंदियों को लेकर जवाब दाखिल करने के लिए केंद्र को 4 हफ्ते का वक्त दिया गया है. 

कश्मीर के कई बड़े नेता अब भी हिरासत में

बता दें कि पिछले डेढ़ महीने से कश्मीर में 400 से ज्यादा नेता और कार्यकर्ता हिरासत में हैं. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती जैसे बड़े नेताओं को भी हाउस अरेस्ट में रखा गया है. केंद्र सरकार की तरफ से कई इलाकों में आवाजाही पर भी पाबंदियां लगाई गई थीं, लेकिन अब सभी जगह इन्हें हटा लिया गया है.

जम्मू-कश्मीर जुवेनाइल जस्टिस कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में दी गई एक रिपोर्ट में बताया है कि 5 अगस्त के बाद से घाटी में कुल 144 नाबालिग हिरासत में लिए गए. ये भी खुलासा हुआ है कि हिरासत में लिए गए नाबालिगों में 9 और 11 साल की उम्र के बच्चे भी शामिल थे.

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