झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार ने पार्टी के कुछ नेताओं पर परिवारवाद, भ्रष्टाचार और पार्टी के हितों के खिलाफ काम करने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को पद से इस्तीफा दे दिया. कुमार ने राहुल गांधी को भेजे त्यागपत्र में कहा-
‘‘मैंने पार्टी को मजबूत बनाने के लिए पूरी मेहनत की, लेकिन मेरे प्रयासों में कुछ लोगों ने रोड़ा अटकाने का काम किया. तमाम अवरोधों के बावजूद और ‘तथाकथित नेताओं’ के सहयोग के बिना इस बार के चुनाव में कांग्रेस के मत प्रतिशत में 2014 की तुलना में 12 फीसदी का उछाल आया.’’
उन्होंने कुछ नेताओं पर अपने बेटे-बेटियों को टिकट दिलाने की पैरवी करने का आरोप लगाया और दावा किया कि जब किसी नेता को अपनी सीट असुरक्षित होने का अहसास होता है तो वह पार्टी में तबाही मचाने लगता है.
‘कांग्रेस में स्वार्थी नेताओं की लंबी लिस्ट’
भारतीय पुलिस सेवा में रह चुके डॉ. अजय कुमार ने कहा, ‘‘मैं सिर्फ यह चाहता हूं कि कांग्रेस अपनी मूल जड़ों की तरफ लौटे और वो मुद्दे उठाए जो जनता के लिए महत्वपूर्ण हैं.’’
‘‘हमारे यहां ओछे स्वार्थ वाले नेताओं की एक लंबी लिस्ट है. उनका एकमात्र उद्देश्य सत्ता हथियाना, टिकट बेचना या चुनाव के नाम पर धन जमा करना है. मैं आत्मविश्वास से कह सकता हूं कि खराब से खराब अपराधी भी मेरे इन सहयोगियों से बेहतर दिखते हैं.’’
कुमार ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय पर पार्टी कार्यालय में अपने ऊपर पर हमला करने वालों को प्रोत्साहित करने का आरोप भी लगाया. फिलहाल इस आरोप पर सहाय की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
उन्होंने अपने इस्तीफे की कॉपी पार्टी की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी, एके एंटनी और पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं को भी भेजी है. गौरतलब है कि पिछले कुछ हफ्तों से झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी में आपसी कलह की खबरें आ रही थीं.
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