केंद्र और बिहार में सत्ताधारी एनडीए से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने अलग होने का फैसला किया है. और वे आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन में शामिल हो गए हैं. बुधवार सुबह आरजेडी नेता राबड़ी देवी से मुलाकात के बाद उन्होंने इसका ऐलान किया.
तेजस्वी ने किया स्वागत
मांझी के इस फैसले पर आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा, मांझी हमारे पेरेंट्स के पुराने मित्र हैं और हम इस महागठबंधन में उनका स्वागत करते हैं.
खबरों के मुताबिक, एनडीए के सहयोगी रहे हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मांझी गठबंधन में सही जगह नहीं मिलने की वजह से पिछले कुछ समय से नाराज चल रहे थे.
राज्यसभा के लिए मांझी ने NDA से मांगी थी सीट
पिछले दिनों मांझी ने बिहार से राज्यसभा की 6 सीटों में से अपनी पार्टी के लिए कम से कम एक नेता को एनडीए का उम्मीदवार घोषित किए जाने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि अगर एनडीए नेतृत्व ने उनकी मांग को अनसुना किया तो पार्टी के नेता और कार्यकर्ता बिहार में 11 मार्च को होने वाले अररिया लोकसभा सीट और जहानाबाद-भभुआ विधानसभा उपचुनाव में एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार नहीं करेंगे.
मांझी ने एक कहावत का जिक्र करते हुए एनडीए पर ताना मारा था कि जबतक बच्चा रोता नहीं है तब तक मां बच्चे को दूध नहीं पिलाती है. यही स्थिति ‘हम’ के साथ है.
उन्होंने कहा था कि वो और उनकी पार्टी एनडीए का पिछले तीन साल से तन-मन-धन से सेवा कर रहे हैं. लेकिन हमेशा एकपक्षीय काम होता रहा है. मांझी ने कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के नाम पर एनडीए का समर्थन करते रहे हैं. लेकिन बदले में उन्हें कुछ नहीं मिल रहा.
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