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देवड़ा के बाद कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया का भी इस्तीफा

राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद कांग्रेस में इस्तीफे का दौर लगातार जारी है.

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राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद कांग्रेस में इस्तीफे का दौर लगातार जारी है. 7 जुलाई को पहले मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इसके कुछ ही देर बाद कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इस मौके पर सिंधिया ने राहुल गांधी को शुक्रिया भी कहा.

मैं राहुल गांधी का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं, जिन्होंने मुझपर भरोसा दिखाया और पार्टी के लिए ऐसी अहम जिम्मेदारी दी.
ज्योतिरादित्य सिंधिया, कांग्रेस
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लोकसभा चुनाव से पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी बनाए गए सिंधिया ने रविवार को ट्वीट किया, "लोगों के फैसले को स्वीकार करते हुए और जवाबदेही लेते हुए, मैंने राहुल गांधी को एआईसीसी (अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी) के महासचिव के पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया है."

सिंधिया को उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से उन्हें 39 सीटों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जबकि बाकी 41 सीटों की जिम्मेदारी प्रियंका गांधी वाड्रा को दी गई थी. हालांकि, पार्टी राज्य में यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी की केवल एक सीट जीतने में सफल हुई.

पार्टी को बड़ी शर्मिदगी का सामना तब करना पड़ा, जब खुद राहुल गांधी अपने परिवार की पारंपरिक सीट अमेठी से चुनाव हार गए. केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी की नेता स्मृति ईरानी ने राहुल को 55 हजार वोटों के अंतर से हराया.

इससे पहले मिलिंद देवड़ा ने मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष का अपना पद छोड़ते हुए सुझाव भी दिया था. देवड़ा ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए मुंबई कांग्रेस का नेतृत्व करने के लिए तीन मेंबर्स का पैनल गठित करने की बात कही थी.

बता दें कि 4 जुलाई को राहुल गांधी ने औपचारिक तौर पर कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. ट्विटर पर जारी 4 पन्नों के बयान में राहुल गांधी ने ये भी कहा था कि चुनाव में कांग्रेस की हार के जिम्मेदारी वो ले रहे हैं. इसलिए इस्तीफा दे रहे हैं. राहुल ने ये भी कहा था कि पार्टी को फिर से खड़ा करने के लिए कड़े फैसले करने होंगे और बहुत से लोगों को 2019 में मिली हार की जिम्मेदारी लेनी होगी. राहुल गांधी के इस बयान का ही असर इन इस्तीफों से झलक रहा है.

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