मध्य प्रदेश के इंदौर में नगर निगम के अधिकारी की क्रिकेट बैट से पिटाई करने के मामले में अब विधायक आकाश विजयवर्गीय के पिता कैलाश विजयवर्गीय ने बयान दिया है. उनका कहना है कि सरकारी कर्मचारियों को अहंकार नहीं दिखाना चाहिए. दोनों तरफ से कहीं न कहीं कोई गलती हुई है. दोनों को ही समझना चाहिए था, क्योंकि दोनों ही कच्चे खिलाड़ी हैं. यह बहुत बड़ा विषय नहीं है, लेकिन इसे जबरदस्ती बड़ा बना दिया गया.
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि अधिकारियों को जनप्रतिनिधि से बात करनी चाहिए. उन्होंने कहा, मैं पार्षद भी रहा हूं और इस विभाग का मंत्री भी रहा हूं. हम लोग बरसात में कोई भी मकान नहीं तोड़ते हैं. इसके लिए पहले निर्देश जारी करने होते हैं. इस मामले में अगर निर्देश जारी नहीं हुआ तो ये सरकार की गलती है
उन्होंने कहा कि अगर मजबूरी में मकान तोड़ना पड़े तो मकान में रहने वाले परिवार के लिए धर्मशाला या कहीं पर भी रहने की व्यवस्था की जाती है. इस मामले में नगर निगम की तरफ से पूरी मिस हैंडलिंग थी. घर में महिलाएं थीं तो उनके साथ महिला पुलिसकर्मी होनी चाहिए थी. मैं मानता हूं कि ये अपरिपक्वता है, भविष्य में ऐसा नहीं होना चाहिए. इससे इंदौर शहर की बदनामी होती है.
कैलाश विजयवर्गीय से जब आकाश के रिहा होने के दौरान हर्ष फायरिंग की बात की गई तो उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की कोई भी जानकारी नहीं है.
सरकार की भूमिका पर सवाल
कैलाश विजयवर्गीय ने मध्य प्रदेश सरकार की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा, 'सरकार की भूमिका नकारात्मक है. यह ऐसा प्रदेश है जहां कभी भी दुश्मनी नहीं रही. लेकिन वर्तमान सरकार दुश्मनी निभा रही है. जो मध्य प्रदेश के लिए एक अभिषाप है. अगर विरोधियों को टारगेट किया जाएगा तो यह एक गंदी राजनीति की शुरुआत है.
पश्चिम बंगाल पर बात करते हुए विजयवर्गीय ने कहा कि ममता बनर्जी एक अहंकारी महिला हैं. उन्होंने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी को गोल रसगुल्ला मिलेगा, लेकिन हमें 18 सीटें मिलीं. उनका व्यवहार काफी असामान्य है. मुझे लगता है कि उन्हें मानसिक चिकित्सक की जरूरत है.
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