16 विधायकों के इस्तीफे से मुश्किल में फंसी कर्नाटक की कांग्रेस-जेडीएस सरकार का संकट जस का तस बना हुआ है. 15 जुलाई को कर्नाटक विधानसभा दो दिनों के लिए स्थगित कर दी गई. अब 18 जुलाई को विधानसभा की बैठक होगी जिसमें मुख्यमंत्री कुमारस्वामी गठबंधन सरकार को बचाए रखने के लिए विश्वास मत पेश करेंगे. इसके साथ ही राज्य की वर्तमान सरकार को थोड़ा और वक्त मिल गया है ताकि वो अपने बागी विधायकों को मना ले.
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आइए आपको बताते हैं, कर्नाटक में राजनीतिक संकट के बीच अब तक क्या-क्या हुआ है. 10 बड़ी बातें
- कर्नाटक में विपक्षी दल बीजेपी ने कहा है कि उसके 105 विधायक तब तक सत्र में भाग नहीं लेंगे, जब तक कि 18 जुलाई को विश्वास मत हासिल नहीं किया जाता.
- मुंबई के एक शानदार होटल में ठहरे कर्नाटक के 14 बागी विधायकों ने 15 जुलाई को पुलिस से गुजारिश की है कि वो कांग्रेस नेताओं को रेनेसां होटल में उन तक पहुंचने से रोकें, जहां वे ठहरे हुए हैं, क्योंकि कांग्रेस नेताओं से उन्हें खतरे की आशंका है.
- कांग्रेस नेता और मंत्री डीके शिवकुमार ने गठबंधन सरकार को बचाने की आखिरी कोशिश करते हुए बागी विधायकों को उनकी मांगें पूरी करने का भरोसा दिलाया है. उन्होंने बागी विधायकों से कहा कि अगर वे अपना इस्तीफा वापस ले लेते हैं और विधानसभा के चालू सत्र में हिस्सा लेते हैं तो उनकी मांगें पूरी की जाएंगी.
- 16 बागियों में से 15 ने 10 जुलाई और 13 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में इस्तीफे स्वीकार करने में हो रही देरी के कारण विधानसभा अध्यक्ष को निर्देश देने की गुहार लगाई थी. इस संबंध में कोर्ट 16 जुलाई को फिर से सुनवाई करेगी.
- 225 सदस्यीय विधानसभा में, कांग्रेस-जेडी(एस) गठबंधन के पास बीएसपी और एक क्षेत्रीय पार्टी के एक-एक विधायक और एक निर्दलीय विधायक के समर्थन के साथ अध्यक्ष समेत कुल 118 विधायक हैं. ये आवश्यक बहुमत के निशान से सिर्फ पांच ही ज्यादा है.
- अब अगर 16 बागी और दो निर्दलीय समेत सभी 18 विधायक सत्र में शामिल नहीं होते हैं, तो मतदान के लिए सदन की प्रभावी शक्ति 205 ही रह जाएगी, जिसमें बीजेपी के 105 सदस्य होंगे. जबकि अध्यक्ष और नामित सदस्य को शामिल नहीं किया जाएगा.
- कांग्रेस-जेडीएस इस विवाद के पीछे बीजेपी का हाथ बता रही है, वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का कर्नाटक की स्थिति से कोई लेना-देना नहीं है.
- इस उठापटक से पहले कर्नाटक में 34 मेंबर्स की कैबिनेट थी. इसमें कांग्रेस के 22 मंत्री, जेडीएस के 10, केपीजेपी के एक और एक निर्दलीय मंत्री थे.
- विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सबसे ज्यादा (104) सीटें मिली थीं. बीजेपी के बहुमत साबित ना कर पाने के बाद कांग्रेस और जेडीएस साथ आकर कर्नाटक में सरकार चला रही हैं. कर्नाटक विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 113 का है. उपचुनाव में एक सीट जीतने के बाद बीजेपी के पास अभी 105 सीटें हैं.
- कर्नाटक सरकार पर ये संकट 6 जुलाई को तब शुरू हुआ था, जब सरकार पर अविश्वास जताते हुए कांग्रेस के 10 और जेडीएस के तीन विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था. तब से लेकर अब तक लगातार उठापटक चल रही है.
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टॉपिक: शिवकुमार येदियुरप्पा कुमारस्वामी
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