कर्नाटक (Karnataka MLC Elections) की 17 विधान परिषद सीटों पर जून 2024 में दो चरणों में चुनाव होंगे. पहला चुनाव 3 जून को 6 सीटों पर होगा जिसमें शिक्षक और स्नातक विधान पार्षदों का चुनाव करेंगे. वहीं दूसरा चुनाव 13 जून को 11 सीटों पर होगा जिसमें विधानसभा सदस्य (MLA) भाग लेंगे. कांग्रेस की कोशिश इन चुनावों में जीत के साथ राज्य विधानमंडल के ऊपरी सदन में बहुमत हासिल करने की होगी. वहीं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सामने बहुमत बचाने की चुनौती होगी.
कर्नाटक विधान परिषद पर एक नजर
कर्नाटक विधान परिषद में कुल 75 सीटें हैं. इनमें से 25 सदस्य विधायकों द्वारा, 25 स्थानीय प्राधिकारियों द्वारा, सात स्नातकों द्वारा, सात शिक्षकों द्वारा और 11 सदस्य राज्यपाल द्वारा मनोनीत किए जाते हैं.
कर्नाटक विधान परिषद में वर्तमान में बीजेपी के 32 MLC, कांग्रेस के 29 MLC, जेडीएस के सात MLC और एक निर्दलीय और सभापति हैं. पांच सीटें खाली हैं. बीजेपी से तेजस्विनी गौड़ा और केपी नंजुंदी, जेडीएस से मारिथिब्बे गौड़ा और कांग्रेस से जगदीश शेट्टार ने इस्तीफा दे दिया था. बता दें कि शेट्टार लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए बीजेपी में वापस शामिल हो गए हैं.
3 जून को होने वाले चुनाव में कांग्रेस का बीजेपी और जेडीएस गठबंधन से सीधा सामना होगा जिन्होंने लोकसभा चुनाव के बाद भी अपना गठबंधन जारी रखने का फैसला किया है. पार्टी को उच्च सदन में बहुमत सुनिश्चित करने के लिए सभी छह सीटें जीतनी होंगी.
वहीं 13 जून को जिन 11 सीटों पर चुनाव होंगे, उनमें से दो खाली हैं. वर्तमान में नौ सीटों में से बीजेपी और कांग्रेस के पास चार-चार सीटें हैं जबकि जेडीएस के पास एक सीट है. हालांकि, विधानसभा में संख्याबल के आधार पर चुनाव का परिणाम पहले से तय माना जा रहा है. कांग्रेस को सात, बीजेपी को तीन और जेडीएस को एक सीट मिल सकती है.
कांग्रेस के लिए 13 सीटें जीतने का मतलब होगा कि मई 2023 में विधानसभा चुनावों में भारी जीत के बाद पार्टी को पहली बार विधान परिषद में भी स्पष्ट बहुमत हासिल होगा.
अगर चुनाव परिणाम इस प्रकार से रहते हैं तो विधान परिषद में 38 सीटों के साथ कांग्रेस का पास बहुमत होगा, वहीं NDA की संख्या घटकर 35 रह जाएगी. शेट्टर के इस्तीफे के कारण रिक्त हुई एक सीट भी कांग्रेस को भरनी होगी, जिससे उसकी संख्या 39 हो जाएगी.
अगर बीजेपी-जेडीएस गठबंधन 3 जून के चुनाव में तीन सीटें जीतता है तो कांग्रेस को विधान परिषद में बहुमत हासिल करने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा.
कांग्रेस में प्रत्याशियों के चयन को लेकर फंसा पेंच
कांग्रेस में प्रत्याशियों के चयन को लेकर माथा-पच्ची जारी है. द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार, 28 मई को दिल्ली रवाना होने से पहले कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा है, "विधान परिषद चुनावों के लिए कांग्रेस से 300 से अधिक दावेदार हैं और पार्टी हाईकमान उम्मीदवारों पर फैसला करेगा." उन्होंने कहा कि समाज के हर वर्ग को समायोजित करना संभव नहीं है क्योंकि उम्मीदवार सभी वर्गों से हैं.
"तटीय कर्नाटक, कित्तूर कर्नाटक, कल्याण कर्नाटक और पुराने मैसूर क्षेत्रों के लोगों को अवसर प्रदान करने की मांग की जा रही है. ऐसे लोग हैं जिन्होंने पार्टी के लिए ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर काम किया है. कुछ मौजूदा सदस्य भी हैं. इसलिए यह मुश्किल हो गया है. देखते हैं कि आलाकमान क्या निर्णय लेता है."
वहीं स्नातक और शिक्षकों वाली 6 सीटों पर बीजेपी और जेडीएस के बीच गठबंधन है. बीजेपी 5 और जेडीएस 1 सीट पर चुनाव लड़ रही है. हालांकि, पहले जेडीएस ने दो सीटों की मांग की थी.
द हिंदू बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी प्रवक्ता एस प्रकाश ने कहा, "स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों में बीजेपी का हमेशा से दबदबा रहा है. सत्ताधारी पार्टी के रूप में, वे अधिकांश सीटें जीतने का दावा करेंगे. लेकिन रिकॉर्ड हमारे पक्ष में रहे हैं."
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