कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा के सीएम बनते ही कई कद्दावर नेता अचानक सुपर एक्टिव मोड में आ गए हैं. इनमें से ज्यादातर नेताओं के आरोप एक जैसे ही है कि कर्नाटक में लोकतंत्र की 'हत्या' की गई है. सबसे अहम सवाल ये कि जिस पार्टी के पास बहुमत का आंकड़ा न हो, उसे सरकार बनाने का न्योता क्यों दिया गया? सवाल पूछने वालों में सब के सब पराए ही नहीं, कुछ अपने भी हैं.
धरने पर बैठे यशवंत सिन्हा, दुख जताया
केंद्र की पुरानी एनडीए सरकार में वित्त और विदेश मंत्री रह चुके यशवंत सिन्हा ने भी कर्नाटक के सियासी घटनाक्रम पर गहरी नाराजगी दिखाई है. अब बीजेपी छोड़ चुके इस सीनियर नेता ने ट्वीट कर 'लोकतंत्र बचाने' की अपील की.
यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति भवन के सामने धरने पर बैठे हैं. उन्होंने सभी से इस धरने में शामिल होने की गुजारिश की है.
'शत्रु' ने भी की 'ट्वीट बाण' की बौछार
बीजेपी पर वार करने वालों में इस पार्टी के 'शत्रु' भी हैं. अपनी सरकार की नीतियों पर जब-तब करारा प्रहार करने वाले बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने भी कर्नाटक मामले पर बुधवार की रात कई ट्वीट किए. उन्होंने बीजेपी और इसके कर्ता-धर्ताओं के खिलाफ गुस्से का इजहार किया.
अखिलेश यादव की दुखभरी कविता
यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने बीती रात कवितानुमा ट्वीट किया:
मोदी जान-बूझकर लोकतंत्र के कायदे तोड़ रहे: येचुरी
कर्नाटक के राज्यपाल वजूभाई वाला ने बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता दिया, इससे सीपीएम नेता सीताराम येचुरी भी काफी गुस्से भी नजर आए. उन्होंने ट्वीट किया कि नरेंद्र मोदी जान-बूझकर लोकतंत्र के सिद्धांत और कायदे तोड़ रहे हैं.
येचुरी ने पूछा है कि अगर इस तरह का काम इतनी ढिठाई से चलता रहेगा, तो आखिर जनादेश की जरूरत किसे रह जाएगी?
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