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कश्मीर: अलगाववादियों का पाक कनेक्शन, UAPA के तहत कार्रवाई संभव

एनआईए कुछ ही दिनों में दाखिल करेगी चार्जशीट

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कश्मीर में मौजूद अलगाववादियों पर अब केंद्र सरकार शिकंजा कसने की तैयार कर रही है. अगले कुछ ही दिनों में बड़े अलगाववादी नेताओं पर यूएपीए कानून के तहत कार्रवाई मुमकिन है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि जांच एजेंसी एनआईए ने अपनी एक रिपोर्ट में इन नेताओं को लेकर बड़ा खुलासा किया है. दावा किया गया है कि इन अलगाववादी नेताओं को पाकिस्तान में मौजूद आतंकी हाफिज सईद के संगठन से फंडिंग की जा रही थी.

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इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) अगले कुछ ही दिनों में अलगाववादी नेताओं के खिलाफ चार्जशीद दायर कर सकती है. इस चार्जशीट में पाकिस्तान में मौजूद जमात-उद-दावा के चीफ हाफिज सईद का नाम भी शामिल हो सकता है.

एनआईए की तरफ से चार्जशीट फाइल किए जाने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय जम्मू एंड कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के चेयरमैन यासीन मलिक, आसिया अंद्राबी और मसरत आलम के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत जांच के आदेश जारी कर सकता है.

इन सभी अलगाववादी नेताओं पर आरोप है कि इन्होंने कश्मीर में हिंसा फैलाने और पत्थरबाजी करवाने के लिए पाकिस्तान से फंडिंग ली थी. साल 2010 और 2016 में हुई पत्थरबाजी के मामले में भी इनका नाम शामिल है.

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जेल में बंद हैं अलगाववादी नेता

कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाए जाने की घोषणा से पहले ही अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था. उनके साथ कश्मीरी नेताओं को भी नजरबंद कर लिया गया. अलगाववादी नेताओं पर हिंसा भड़काने जैसे गंभीर आरोप लगते आए हैं, इसीलिए केंद्र सरकार ने उन्हें दिल्ली लाने का फैसला किया. सभी बड़े अलगाववादी नेता फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं.

Unlawful activities (prevention) act 1967 में संशोधन से अब संस्थाओं ही नहीं व्यक्तियों को भी आतंकवादी घोषित किया जा सकता है. इतना ही नहीं किसी पर शक होने से ही उसे आतंकवादी घोषित किया जा सकता है. इससे पहले सिर्फ संगठनों को ही आतंकवादी संगठन घोषित किया जा सकता था. 
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अगले हफ्ते तक मिल सकती है मंजूरी

हालांकि यूएपीए कानून के सेक्शन 45 के मुताबिक केंद्र सरकार की मंजूरी लेना जरूरी है. एनआईए के इस प्रपोजल को दो सदस्यों वाली कमेटी करेगी. यूएपीए एक्ट के तहत केंद्र सरकार को इस कानून के तहत कार्रवाई की मंजूरी देने से पहले इस कमेटी की रिपोर्ट पर विचार करना होगा. बताया जा रहा है कि अगले हफ्ते तक एनआईए के इस प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है.

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