मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने साल 2023-24 का तीन लाख 14 हजार करोड़ से ज्यादा का बजट पेश किया. इस दौरान कांग्रेस विधायकों ने जमकर हंगामा किया. विपक्ष आज बढ़ाई गई गैस की कीमतों को लेकर हंगामा कर रहा था. राज्य की 15वीं विधानसभा का अंतिम बजट है. राज्य में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं और सरकार ने इस बजट के जरिए सभी वर्गों का दिल जीतने की कोशिश की है. कोई नया कर लागू नहीं किया गया है.
राज्य में शुरू की जा रही लाडली बहन योजना के लिए 60 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया, वहीं एक लाख सरकारी नौकरी देने का भी ऐलान किया गया है.
सीएम राइज स्कूल के लिए 3230 करोड़ रुपये का बजट
सरकार ने बजट में किसी नए टैक्स का प्रस्ताव नहीं किया
सीएमन बालिका स्कूटी योजना का ऐलान, प्रथम आने वाली स्कूली छात्रा को स्कूटी मिलेगी
स्कूलों में खाली पदों पर भर्ती का ऐलान
नारी कल्याण के लिए 1 लाख 2,976 करोड़ रुपये आवंटित
सीएम कौशल योजना के लिए 1000 करोड़ रुपये का बजट
खेल विभाग का बजट बढ़ाकर 738 करोड़ रुपये किया गया
प्रदेश में 1 लाख सरकारी नौकरियों का ऐलान
राज्य में महिला स्व सहायता समूह के लिए 600 करोड़ रुपए का प्रावधान
मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना के तहत महिलाओं को 1000 रुपए प्रति महीने दिए जाएंगे.
बजट के दौरान कांग्रेस का हंगामा
बजट के दौरान कांग्रेस विधायक महंगाई के विरोध में सिलेंडर लेकर सदन में जाना चाहते थे लेकिन उन्हें सुरक्षाकर्मियों ने रोक दिया. इस दौरान काफी हंगामा हुआ और बाद में कांग्रेस विधायकों ने सदन का बहिष्कार कर नारेबाजी भी की.
बजट के एक दिन पहले राघौगढ़ से कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने सरकार पर युवाओं को बहलाने, नौकरी के झूठे वादे करने का आरोप लगाया था. मंगलवार को भिंड के गोहद से विधायक मेवाराम जाटव द्वारा पूछे गए प्रश्नों के लिखित जवाब में सरकार ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में 38 लाख 93 हजार से अधिक शिक्षित और अशिक्षित बेरोजगारों का एमपी रोजगार पोर्टल पर पंजीकृन है, इसमें से सिर्फ 21 आवेदकों को शासकीय और अर्द्ध शासकीय कार्यालयों में रोजगार उपलब्ध कराया गया है. निजी क्षेत्र के नियोजकों द्वारा 2,51,577 आवेदकों को ऑफर लेटर दिए गए हैं.
मध्य प्रदेश के इतिहास में पहली बार पेपरलेस बजट पेश किया जा रहा है, इसको लेकर काफी विवाद भी हुए हैं, नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा कि 60% विधायक ऑनलाइन व्यवस्था से परेशान होंगे और ऐसे में पेपरलेस बजट का कोई अर्थ नहीं बनता है.
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