मध्य प्रदेश में कमलनाथ की सरकार रहेगी या नहीं इस पर सुप्रीम कोर्ट में चर्चा जारी है. बीजेपी की तरफ से दलील दी जा रही है कि कमलनाथ सरकार अल्पमत में है, इसीलिए तुरंत फ्लोर टेस्ट के आदेश जारी किए जाएं. वहीं कांग्रेस की तरफ से अब भी बागी विधायकों को मनाने की गुजारिश जारी है. सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस के बागी विधायकों के वकील ने कहा कि वो 16 बागी विधायकों की कोर्ट में परेड करा सकते हैं. जिस पर कोर्ट ने कहा कि वो ऐसा करने को नहीं कह सकते हैं.
सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि बागी विधायक संवैधानिक तौर पर जो भी होता है उसे करने के लिए तैयार हैं, लेकिन वो कांग्रेस नेताओं से मुलाकात नहीं करेंगे. वहीं कांग्रेस की तरफ से कहा गया है कि जब तक बागी विधायक पार्टी से बात नहीं करेंगे, तब तक फ्लोर टेस्ट नहीं कराया जा सकता है.
बीजेपी की तरफ से वकील ने कहा कि कर्नाटक हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जाकर बागी विधायकों से मिल सकते हैं और पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग कर सकते हैं. उन्होंने कहा,
“कांग्रेस बागी विधायकों को भोपाल बुलाना चाहती है ताकि उन्हें लालच देकर हॉर्स ट्रेडिंग की जा सके. कोई राजनीतिक दल बागी विधायकों से मिलने के लिए कोर्ट में याचिका कैसे दाखिल कर सकता है?”मुकुल रोहतगी, सीनियर एडवोकेट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- बंधक नहीं बना सकते
सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायकों को लेकर कहा कि "16 बागी विधायक चाहें तो विधानसभा जा सकते हैं या नहीं, लेकिन उन्हें बंधक नहीं बनाया जा सकता. हमें पता है कि 16 बागी विधायक किसी भी ओर संतुलन झुका सकते हैं. किसे विश्वासमत हासिल है, ये तय करने में हम विधायिका के पक्ष में नहीं आ सकते. हमें ये सुनिश्चित करना है कि ये 16 बागी विधायक अपनी आजादी से कोई भी फैसला ले सकें. संवैधानिक कोर्ट होने के नाते हमें अपने कर्तव्यों का पालन करना है."
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