महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2014 में शिवसेना-बीजेपी के बीच छत्तीस का आंकड़ा देखने को मिला था. इस चुनाव में भी हालात लगभग वही हैं, लेकिन बीजेपी ने मुंबई फतह करने के लिए जो ‘मिशन 36’ का टारगेट रखा है, उसे हासिल करने के लिए शायद शिवसेना-बीजेपी साथ रहेंगे. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसके साफ संकेत दिए हैं.
मुंबई बीजेपी के नए अध्यक्ष मंगल प्रभात लोढ़ा के पद ग्रहण समारोह में पहुंचे फडणवीस ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि बीजेपी मुंबई की लड़ाई इस बार 36-0 से जीतेगी. बता दें, महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटें हैं, इनमें से अकेले मुंबई में 36 विधानसभा सीटें हैं.
अक्टूबर में होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने प्रदेश कार्यकारिणी में बड़े बदलाव किए हैं.
मुंबई कांग्रेस की अंदरूनी कलह का फायदा उठा सकती है बीजेपी
मुंबई कांग्रेस में एकता की कमी और अंदरुनी खींचतान पार्टी के लिए बड़ी चिंता का विषय है. बीजेपी इसी का फायदा उठाना चाहती है. देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि बीजेपी मुंबई की सभी 36 सीटें जीतेगी.
अगर मुंबई कांग्रेस अंदरूनी कलह से नहीं उबर पाती है, तो बीजेपी अपनी सहयोगी शिवसेना के साथ मिलकर अपने लक्ष्य को हासिल कर सकती है.
2014 विधानसभा चुनाव में 36 में 15 सीट जीत BJP बनी थी नंबर 1 पार्टी
2014 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले शिवसेना और बीजेपी का 25 साल पुराना गठबंधन टूट गया था और मुंबई में संगठन के लिहाज से सबसे ताकतवर पार्टी कही जाने वाली शिवसेना को भी चुनाव में पीछे छोड़ बीजेपी ने 15 विधानसभा सीटों पर कब्जा कर शहर पर अपनी बढ़ती पकड़ दिखाकर सभी को चौंका दिया था.
शिवसेना के खाते में 14 सीटें आईं थी, जबकि कांग्रेस के सिर्फ 3 विधायक की चुनाव जीत सके. वहीं हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में भी शिवसेना-बीजेपी गठबंधन ने 6-0 से मुकाबला जीतकर कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया था.
जानकारी के मुताबिक, लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद तो आंकड़े सामने आए हैं उसमें मुंबई की 36 विधानसभा सीटों में से गठबंधन 32 सीटों पर लीड बनाता दिख रहा है.
मुंबई कांग्रेस को अच्छे कप्तान की जरूरत?
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष बनाए गए मिलिंद देवड़ा ने महीने भर में ही हार मानते हुए मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया. सिर्फ मुंबई ही नहीं राष्ट्रीय स्तर पर भी कांग्रेस का कप्तान कौन होगा? 50 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक तय नहीं हो सका है. ऐसे में अगर कांग्रेस ने मुंबई के लिए भी अपना कप्तान जल्द नहीं चुना तो इसका बड़ा नुकसान विधानसभा चुनाव में उठाना पड़ सकता है
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