महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव में मतदान के लिए कुछ ही दिन बाकी हैं. सभी दलों का चुनाव प्रचार अपने चरम पर पहुंच चुका है. 24 अक्टूबर को चुनाव नतीजे घोषित किए जाएंगे. लेकिन सोशल मीडिया में भी नतीजों का रुख झलक रहा है. द क्विंट ने फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर महाराष्ट्र की चार प्रमुख पार्टियों - शिवसेना, बीजेपी, कांग्रेस और एनसीपी के प्रदर्शन का विश्लेषण किया.
विश्लेषण के लिए हमने 21 सितंबर से 12 अक्टूबर तक, तीन हफ्ते की अवधि चुनी. 21 सितंबर को ही मतदान की तारीखों की घोषणा की गई थी. .
चूंकि शिवसेना और एनसीपी क्षेत्रीय पार्टियां हैं, इसलिए उनके आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट्स की तुलना बीजेपी और कांग्रेस की महाराष्ट्र राज्य इकाइयों के सोशल मीडिया अकाउंट्स से की गई.
1 . फेसबुक
हमने Crowdtangle पर उपलब्ध डेटा का इस्तेमाल करके शिवसेना और एनसीपी के फेसबुक पेजों के साथ बीजेपी और कांग्रेस की राज्य इकाई के फेसबुक पेजों की तुलना की.
किस पार्टी के सबसे ज्यादा फॉलोअर्स हैं?
ध्यान देने लायक एक और दिलचस्प बात यह है कि इन पार्टियों के सोशल मीडिया अकाउंट्स में विश्लेषण के लिए चुने गए अवधि के दौरान फॉलोअर्स में बढ़ोतरी हुई है.
कुल 980.5K फॉलोअर्स के साथ बीजेपी इस पहलू में साफ तौर पर एक विजेता बनकर उभरी है. एनसीपी ने इस समय अवधि में फॉलोअर्स की संख्या के मामले में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी देखी है.
फेसबुक पर ये पार्टियां कितनी सक्रिय हैं?
प्लेटफॉर्म पर सभी चार दलों की कुल पोस्ट की जांच की गई, कि कौन सी पार्टी सबसे ज्यादा सक्रिय है.
बीजेपी में सबसे ज्यादा 275 पोस्ट थे, उसके बाद INC में 227 पोस्ट थे. शिवसेना के सबसे कम 79 पोस्ट हैं.
इन पोस्ट पर एंगेजमेंट कितनी है?
फेसबुक पर इन दलों के पोस्ट पर एंगेजमेंट को समझने के लिए, दो समीकरणों पर ध्यान दिया गया:
- पोस्ट की कुल इंटरैक्शन = लाइक्स + शेयर + कमेंट्स + रिएक्शंस (सैड, हैपी, ऐंग्री मिलाकर)
- पोस्ट की इंटरैक्शन दर = कुल इंटरैक्शन / पोस्ट की कुल संख्या
एंगेजमेंट की गणना ऊपर दिए गए दो समीकरणों के आधार पर की गई.
पोस्ट पर कुल इंटरैक्शन कितनी है?
इन पोस्ट के औसत इंटरैक्शन रेट क्या हैं?
औसत इंटरैक्शन रेट = इंटरैक्शन रेट / कुल दिनों की संख्या
2. इंस्टाग्राम
किस पार्टी के सबसे ज्यादा फॉलोअर्स हैं?
इन इंस्टाग्राम हैंडल के फॉलोअर्स में बढ़ोतरी की तुलना से पता चलता है:
फेसबुक के उलट, बीजेपी के इंस्टाग्राम पर सबसे कम फॉलोअर्स हैं और शिवसेना के सबसे ज्यादा.
लेकिन फेसबुक की तरह, इस समय अवधि में इंस्टाग्राम में भी एनसीपी के फॉलोअर्स की तादाद में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई.
इंस्टाग्राम पर कितनी सक्रिय हैं ये पार्टियां?
फेसबुक की तरह, इस प्लेटफॉर्म पर भी सभी चार दलों की कुल पोस्ट काउंट की जांच की गई, कि कौन सी पार्टी सबसे ज्यादा सक्रिय है.
फेसबुक पर एनसीपी दूसरे नंबर पर थी, इंस्टाग्राम पर पार्टी ने सबसे ज्यादा पोस्ट के साथ बाजी मार ली.
दूसरे नंबर पर कांग्रेस है, उसके बाद शिवसेना है और केवल 22 पोस्ट के साथ बीजेपी ने आखिरी पायदान हासिल किया.
इन पोस्ट पर एंगेजमेंट कितनी है?
फेसबुक की तरह, कुल इंटरैक्शन और औसत इंटरैक्शन दर का विश्लेषण कर हमें इन पोस्टों पर एंगेजमेंट के बारे में एक खाका हासिल हुआ.
पोस्ट पर कुल इंटरैक्शन कितना है?
इन पोस्ट के औसत इंटरैक्शन रेट क्या है?
औसत इंटरैक्शन रेट = इंटरैक्शन रेट / कुल दिनों की संख्या
3. ट्विटर
ट्विटर के लिए, दो प्रमुख मापदंडों पर विचार किया गया - कुल फॉलोअर्स की संख्या और औसत रीट्वीट. बाद के मीट्रिक का 48 घंटे की अवधि के लिए विश्लेषण किया गया.
किस पार्टी के सबसे ज्यादा फॉलोअर्स हैं?
इन पार्टियों के हर पोस्ट पर औसत कितने रिट्वीट हैं?
बीजेपी-शिवसेना का वर्चस्व
विश्लेषण से पता चलता है कि बीजेपी और शिवसेना ज्यादातर फेसबुक पर हावी रहे, एनसीपी ने इंस्टाग्राम पर काफी अच्छा प्रदर्शन किया. हालांकि, ट्विटर पर रणनीति बदलने से कम फॉलोअर्स के होने के बावजूद कांग्रेस ने अच्छी वापसी की.
दिलचस्प बात ये है कि ट्विटर पर एनसीपी और अन्य तीन दलों के फॉलोअर्स के बीच बहुत बड़ा अंतर है. इंस्टाग्राम और फेसबुक पर, पार्टी के दूसरे सबसे ज्यादा फॉलोअर्स हैं, लेकिन फिर भी यह अंतर एनसीपी और लीड करने वाली पार्टी के बीच बहुत बड़ा अंतर नहीं है.
तीनों प्लेटफार्मों पर कांग्रेस का प्रदर्शन बाकी की तुलना में सबसे कम है. भले ही इंस्टाग्राम और फेसबुक पर पार्टी दूसरों की तुलना में बहुत अधिक बार पोस्ट करती है, इसमें अभी भी सबसे कम इंटरैक्शन रेट है.
हालांकि इस विश्लेषण से हमें पता चलता है कि पार्टियां सोशल मीडिया पर कैसा प्रदर्शन कर रही हैं, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या ये नतीजे वाकई में वोटों में तब्दील हो जाएंगे?.
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