महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए शिवसेना के समर्थन पर कांग्रेस-एनसीपी ने अब तक फैसला नहीं लिया है. दोनों दलों ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि सरकार गठन के लिए समर्थन देने से पहले न्यूनतन साझा कार्यक्रमों पर स्पष्टीकरण जरूरी है.
कांग्रेस के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि सरकार बनाने के लिए शिवसेना का समर्थन करने से पहले दोनों दल आपस में बातचीत करेंगे. इस पर भी चर्चा करेंगे कि अगर सरकार बनती है तो उसकी नीतियां क्या होंगी, प्राथमिकताएं क्या होंगी?
“कई ऐसे मुद्दे हैं, जिनपर चर्चा की जरूरत है. दोनों दलों ने एकमत से तय किया कि पहले हम अपने बीच (कांग्रेस-NCP) चर्चा कर लें, उसके बाद कोई अंतिम निर्णय लेने से पहले एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम और अन्य पहलुओं पर शिवसेना से बातचीत करेंगे.”शरद पवार, एनसीपी चीफ
पवार ने कहा कि सरकार बनाने का दावा करने से पहले सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों को अंतिम रूप देना होगा.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या बोले कांग्रेस नेता अहमद पटेल?
कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा कि बीजेपी के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने वाली शिवसेना ने आधिकारिक तौर पर समर्थन के लिए कांग्रेस और एनसीपी से सोमवार को संपर्क किया था.
पटेल ने कहा कि जब तक न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर कुछ तय नहीं हो जाता तब तक शिवसेना के समर्थन पर कोई फैसला नहीं होगा.
कांग्रेस ने की राष्ट्रपति शासन लागू होने की निंदा
कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति सासन लागू किए जाने की भी निंदा की. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से सरकार ने राष्ट्रपति शासन लागू किया है, वह लोकतंत्र का मजाक है.
उन्होंने कहा, "राज्यपाल ने पहले बीजेपी को आमंत्रित किया गया, उसके बाद शिवसेना को बुलाया गया और बाद में एनसीपी को, लेकिन कांग्रेस को उन्होंने सरकार बनाने की संभावना तलाशने के लिए आमंत्रित तक नहीं किया."
बता दें, शिवसेना को सोमवार को उस वक्त बड़ा झटका लगा था, जब वह गैर-बीजेपी सरकार बनाने का दावा करने राज्यपाल के पास पहुंची थी, लेकिन एनसीपी और कांग्रेस का समर्थन पत्र नहीं सौंप सकी थी. एनसीपी-कांग्रेस ने आखिरी वक्त में शिवसेना को यह कह दिया था कि उन्हें समर्थन पर बात करने के लिए और समय चाहिए.
बता दें, मंगलवार को राज्यपाल बीएस कोश्यारी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश की थी, जिसे राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी.
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