महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले जोड़-तोड़ और गठबंधन की राजनीति जोरों पर है. इसी कड़ी में वंचित बहुजन अघाड़ी (VBA) के प्रमुख प्रकाश अंबेडकर ने कांग्रेस को गठबंधन पर अपनी भूमिका साफ करने के लिए 31 अगस्त तक का अल्टीमेटम दिया है.
प्रकाश अंबेडकर ने मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा-
हमने कांग्रेस के सामने 144 सीटों की पेशकश रखी है. गेंद अब कांग्रेस के पाले में है. अगर वोटों का बंटवारा रोकना है तो कांग्रेस को जल्द से जल्द अपनी भूमिका साफ करनी होगी, नहीं तो वंचित बहुजन अघाड़ी अपनी आगे की रणनीति का ऐलान करेगी.प्रकाश अंबेडकर, प्रमुख, वंचित बहुजन अघाड़ी
कांग्रेस ने कहा कि अब तक नहीं मिला कोई प्रस्ताव
प्रकाश अंबेडकर के अल्टीमेटम पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोरात ने कहा है कि उनके पास अभी तक VBA की ओर से कोई आधिकारिक प्रस्ताव नहीं आया है. हालांकि, कांग्रेस पार्टी की भूमिका हमेशा से समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ मिलकर चलने की रही है. इसलिए कांग्रेस आज भी VBA से बातचीत करने के लिए तैयार है.
वहीं, कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि VBA खुद को बढ़ा-चढ़ाकर बता रही है. ऐसे में अगर अंबेडकर इस मांग को लेकर अड़े रहे तो उनका कांग्रेस से गठबंधन मुश्किल होगा.
कांग्रेस-NCP के लिए VBA को साथ लेना क्यों है जरूरी?
लोकसभा चुनाव में VBA ने MIM के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. इसकी वजह से कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था. आंकड़ों के मुताबिक, राज्य की लगभग दस लोकसभा सीटों पर वंचित बहुजन अघाड़ी के उम्मीदवारों को एक लाख से ज्यादा वोट मिले. इसका सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस को उठाना पड़ा.
महाराष्ट्र में नांदेड़ जो कांग्रेस की सबसे मजबूत सीट मानी जाती थी, वहां भी VBA के यशपाल भिंगे को 1.60 लाख वोट मिले, जिसकी वजह से अशोक चव्हाण को हार का सामना करना पड़ा. पूर्व सीएम सुशील कुमार शिंदे को भी VBA ने बड़ा झटका दिया. शायद यही वजह है कि कांग्रेस विधानसभा चुनाव में वोटों का बंटवारा नहीं चाहती है.
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