अंबानी धमकी केस और मनसुख मौत का मामला अब सिर्फ केस से बढ़कर केंद्र और राज्य की राजनीति का बड़ा मामला बनता जा रहा है. एक तरफ केंद्र सरकार की तरफ से NIA को जांच सौंपने की बात सामने आई तो फिर महाराष्ट्र के गृह मंत्री फिर मुख्यमंत्री सामने आ गए, दोनों का ही कहना है कि महाराष्ट्र ATS इस मामले को संभालने में सक्षम है और केंद्र जल्दबाजी कर रही है.
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने तो यहां तक कहा कि विपक्ष महाराष्ट्र को बदनाम करने की साजिश रच रहा है. ऐसा दिखाने की कोशिश हो रही है कि राज्य में कोई व्यवस्था सही से काम ही नहीं कर रही है, सबकुछ केंद्र सरकार पर ही निर्भर है. कुल मिलाकर सेलिब्रिटी ट्वीट मामले, BJP पार्षद के मामले के बाद एक बार फिर एक ऐसा मुद्दा सामने आ गया है जहां 'केंद्र Vs महाराष्ट्र सरकार' है.
कुछ तो गड़बड़ है - उद्धव ठाकरे
सीएम ठाकरे का कहना है कि एंटीलिया बॉम्ब स्केयर मामले की जांच NIA को देने के पीछे केंद्र सरकार की क्या वजह रही होगी. उनका कहना है कि जब महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले की जांच ATS को सौंपी थी तो NIA को इसे सौंपने में जल्दबाजी क्यों दिखाई गई.
हमें अपने सिस्टम पर पूरा भरोसा है. ATS को हमने इसकी जांच दी है, लेकिन इसके बावजूद अगर केंद्र सरकार इस मामले की जांच NIA को देती है तो इसमें कुछ तो गड़बड़ है. हम भी इस गड़बड़ को बाहर निकाले बिना नहीं रहेंगे.उद्धव ठाकरे, मुख्यमंत्री
राज्य सरकार देलकर सुसाइड मामले की कर रही जांच
इस दौरान उद्धव ठाकरे ने सिलवासा से सांसद मोहन देलकर सुसाइड केस का जिक्र किया और कहा कि राज्य सरकार इस मामले की जांच गंभीरता से कर रही है. सुसाइड नोट मिला है, जिसका भी इसपर नाम है उसकी जांच होगी और पूरी कार्रवाई की जाएगी.
सिलवासा के मोहन देलकर के सुसाइड नोट पर भी जांच की जा रही है और चाहे कोई कितना भी बड़ा हो, उसपर कार्रवाई किये बिना मैं शांत नहीं रहूंगा. जो पिछले सरकार के मुख्यमंत्री थे, उन्हें महाराष्ट्र सरकार पर भरोसा नहीं है, लेकिन जो केंद्र शासित सांसद थे, उन्हें भरोसा था कि महाराष्ट्र सरकार न्याय देगी, और इसलिए उनके परिवारवाले महाराष्ट्र सरकार से न्याय की उम्मीद कर रहे हैं.उद्धव ठाकरे, मुख्यमंत्री
मनसुख केस की भी जांच NIA करे- महाराष्ट्र बीजेपी
दूसरी तरफ महाराष्ट्र बीजेपी की तरफ से मांग है कि मनसुख केस की भी जांच NIA करे. पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कह रहे हैं कि अंबानी परिवार को धमकी एंटीलिया बॉम्ब स्केयर और मनसुख केस का आपस में संबंध है. ऐसे में मनसुख केस की भी जांच NIA से करानी चाहिए.
इन मौकों पर दिख चुका है केंद्र और महाराष्ट्र सरकार के बीच का गतिरोध
ये पहला मौका नहीं है जब राज्य सरकार और केंद्र के बीच का गतिरोध साफ-साफ दिख रहा हो, इससे पहले किसान आंदोलन पर सेलिब्रिटीज के ट्वीट को लेकर महाराष्ट्र सरकार ने जांच के आदेश दे दिए थे, बाद में सफाई भी आई थी, लेकिन दोनों ही सरकारों के बीच मतभेद सामने आया था.
इसके अलावा महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के लिए सीएमओ कार्यालय से सरकारी चार्टर प्लेन नकार दिए जाने के मामला, बढ़ती महंगाई पर सरकार पर निशाना साधने समेत कई ऐसे मौके आए जब ऐसा लगा कि महाराष्ट्र में बीजेपी और केंद्र सरकार को छेड़ने का एक भी मौका एमवीए सरकार नहीं छोड़ रही है.
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