पीएम मोदी और केंद्र सरकार पर मनमोहन सिंह-
- आर्थिक संकट की ओर बढ़ रहा देश, मोदी ने तबाह कर दिया
- पुलवामा हमले के बाद जब पीएम मोदी को कैबिनेट सुरक्षा कमेटी की बैठक को संभालना चाहिए था, तब वो जिम कॉर्बेट पार्क में शूटिंग करा रहे थे
- सत्ता में बैठे लोगों का पैसा लेकर विदेश भागे लोगों से साठगांठ
- मैंने आलोचना का स्वागत किया, पीएम मोदी समझते हैं कि सरकार पर कोई सवाल नहीं उठा सकता
- मोदी की पांच साल की सरकार खराब गर्वनेंस और जवाबदेही में नाकाम रहने की कहानी है
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पीएम मोदी के कार्यकाल को युवाओं, किसानों, काराबोरियों के लिए सबसे दर्दनाक और विनाशकारी बताया है. साथ ही मोदी सरकार को बाहर का रास्ता दिखाने की भी बात कही है. पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में मनमोहन सिंह 'मोदी लहर' को खारिज करते हैं. उनका कहना है कि लोगों ने सरकार को बदलने का मन बना लिया है.
ये सरकार समावेशी विकास में भरोसा नहीं करती है, सिर्फ और सिर्फ अपने राजनीतिक अस्तित्व के बारे में परेशान है. वो राजनीति, जो नफरत पर आधारित है.मनमोहन सिंह, प्रधानमंत्री
नोटबंदी सबसे बड़ा घोटाला: मनमोहन सिंह
स्वभाव से सौम्य माने जाने वाले मनमोहन सिंह इस इंटरव्यू में मोदी सरकार पर खासा भड़के दिखे. उनका कहना है कि पिछले 5 साल भ्रष्टाचार में डूबे रहे और नोटबंदी शायद आजाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला है.बता दें कि मनमोहन सिंह की 10 साल की सरकार में हुए कथित भ्रष्टाचार पर ही बीजेपी ने अपना कैंपेन तैयार किया था. साल 2014 के चुनाव में बीजेपी ने बड़े पैमाने पर ऐसे कैंपेन चलाए और यूपीए को घेरा था.
पाकिस्तान पर मोदी की नीति है क्या?: मनमोहन सिंह
पाकिस्तान पर मोदी सरकार की नीति को मनमोहन सिंह ने ‘छिछला’ बताया. उन्होंने कहा कि कभी अचानक पाकिस्तान चले जाना तो कभी एक आतंकी हमले की जांच के लिए भारत के एयरबेस पर ISI को बुला लेना, ये स्थिति भ्रम पैदा करने वाली रही है.
साल 1990 में हुए देश के इकनॉमिक रिफॉर्म के आर्किटेक्ट के तौर पर मनमोहन सिंह को जाना जाता है. अब उन्हें लगता है कि देश आर्थिक मंदी की तरफ बढ़ रहा है.
मनमोहन का कहना है कि मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था को गंभीर हालात में लाकर छोड़ दिया है. लोग हर रोज की बयानबाजी और मौजूदा सरकार के दिखावटी बदलाव से तंग आ चुके हैं. उन्होंने कहा कि ‘‘भ्रम और बीजेपी के बड़बोलेपन’’ के खिलाफ लोगों में एक खामोश लहर है.
मोदी की राष्ट्रवाद पर प्रतिबद्धता को लेकर मनमोहन के सवाल
इस चुनाव में राष्ट्रवाद और आतंकवाद के मुद्दों पर बीजेपी के ध्यान केन्द्रित करने के प्रयास का जवाब देते हुए पूर्व प्रधानमंत्री ने मोदी की प्रतिबद्धता पर सवाल उठाया.
उन्होंने कहा कि ये ‘‘दुख’’ की बात है कि पुलवामा हमले के बाद सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) की बैठक की अध्यक्षता करने की बजाय प्रधानमंत्री मोदी जिम कॉर्बेट पार्क में ‘फिल्मों की शूटिंग’ कर रहे थे. उन्होंने दावा किया कि पुलवामा में ‘‘ खुफिया विफलता’’ आतंकवाद से निपटने के लिए सरकार की तैयारियों की पोल खोलती है. सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर मोदी सरकार का रिकॉर्ड ‘‘निराशाजनक’’ है क्योंकि आतंकवाद की घटनाएं तेजी से बढ़ी है.
उन्होंने कहा, ‘‘मोदी सरकार के 5 साल का कार्यकाल शासन और जवाबदेही में विफलता की एक दुखद कहानी है. साल 2014 में मोदी जी ‘अच्छे दिन’ के वादे पर सत्ता में आये थे. उनका पांच साल का कार्यकाल भारत के युवाओं, किसानों, व्यापारियों और हर लोकतांत्रिक संस्था के लिए सर्वाधिक त्रासदीपूर्ण और विनाशकारी रहा है.’’
सिंह ने कहा, ‘‘लोग मोदी सरकार और भाजपा को खारिज करने का मन बना चुके हैं ताकि भारत के भविष्य को सुरक्षित बनाया जा सके.’’
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि एक व्यक्ति भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में ‘एक व्यक्ति’ की विचार प्रक्रिया और इच्छा को लागू करके लोगों की आकांक्षाओं और आशाओं के साथ कोई न्याय नहीं करेगा.
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