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महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण पर मुहर,16 फीसदी रिजर्वेशन का बिल पास 

फडणवीस सरकार ने काफी जद्दोजहद के बाद आखिर आरक्षण की बात मान ली

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महाराष्‍ट्र में मराठा समुदाय को 16 फीसदी आरक्षण मिलने का रास्‍ता साफ हो गया है. राज्‍य के दोनों सदनों ने मराठा आरक्षण का बिल सर्वसम्‍मति से पास कर दिया है. राज्‍यपाल की मुहर लगने के बाद इसे अंतिम रूप से राष्‍ट्रपति के पास भेजा जाएगा. राष्‍ट्रपति की स्‍वीकृति मिलने के बाद यह बिल कानून का रूप ले लेगा.

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देवेंद्र फडणवीस सरकार ने इस बारे में बिल की ड्राफ्ट कॉपी सदन में पेश की थी. इसके बाद दोपहर बाद लाए गए बिल को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया.

यह आरक्षण SEBC के तहत दिया जाएगा. इससे पहले मुख्यमंत्री ने आरक्षण पर पिछड़ा वर्ग आयोग से जुड़ी एक्‍शन टेकन रिपोर्ट विधानसभा में पेश की थी.

मराठों को आरक्षण मिले, इसके लिए महाराष्ट्र सरकार ने हाईकोर्ट के निर्देश पर पिछड़ा वर्ग आयोग को रिपोर्ट तैयार करने का काम सौंपा था. करीब एक साल बाद 15 नवंबर को आयोग ने अपनी रिपोर्ट महाराष्ट्र सरकार को सौंप दी. इसके बाद कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी थी

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5 दिसंबर से मराठा आरक्षण हो सकता है लागू

राष्‍ट्रपति की मुहर लगते ही राज्य में मराठा आरक्षण लागू हो जाएगा. क्‍विंट हिंदी के सूत्रों के मुताबिक, तमाम वैधानिक प्रक्रिया के बाद प्रदेश में मराठा आरक्षण 5 दिसंबर से लागू होने की उम्‍मीद जताई जा रही है.

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मराठा समाज 3 साल से बना रहा दबाव

महाराष्ट्र के अलग-अलग इलाकों में मराठा समुदाय ने आरक्षण की मांग को लेकर कई बड़े मोर्चे निकाले, जिनसे सही मायने में सरकार पर दबाव बना. कई मोर्चे एकदम शांतिपूर्ण तरीके से, बिना किसी उपद्रव के निकाले गए थे.

आयोग ने 2 लाख लोगों से की बात

पिछड़ा वर्ग आयोग, जिसे मराठा आरक्षण की रिपोर्ट तैयार करने का काम सौंपा गया था, उसने राज्य के 2 लाख से ज्‍यादा लोगों से बातचीत की, फिर दस्तावेजों के आधार पर रिपोर्ट सरकार को सौंपी. आयोग ने इस बात की पड़ताल की कि क्‍या मराठा समुदाय वाकई पिछड़ा है? इस समुदाय की पहले क्‍या स्थिति थी और मौजूदा स्‍थ‍िति कैसी है? ऐसे ही अन्‍य कई विषयों पर गौर करने के बाद आयोग ने रिपोर्ट में ये माना है कि मराठा समुदाय सामाजिक तौर पर और शिक्षा में पिछड़ा है.

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