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मराठा आरक्षण की रिपोर्ट कल विधानसभा में, सरकार की क्‍या है तैयारी

आयोग ने इस बात की पड़ताल की कि क्‍या मराठा समुदाय वाकई पिछड़ा है? 

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महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण के लिए अब और इंतजार नहीं करना होगा. देवेंद्र फडणवीस सरकार 28 नवंबर को विधानसभा में मराठा आरक्षण की ATR यानी एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश करेगी.

मंत्रिमंडल की उप समिति की बैठक में ये फैसला किया गया है. सरकार ने इसके लिए सारी तैयारी पूरी कर ली है. प्रदेश सरकार में मंत्री गिरीश महाजन ने ये जानकारी दी है.

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ATR सदन में रखे जाने के बाद 30 नवंबर को इसे मंजूर कराने की कोशिश की जाएगी. मराठाओं को आरक्षण मिले, इसके लिए महाराष्ट्र सरकार ने हाईकोर्ट के निर्देश पर पिछड़ा वर्ग आयोग को रिपोर्ट तैयार करने का काम सौंपा था. करीब एक साल बाद 15 नवंबर को आयोग ने अपनी रिपोर्ट महाराष्ट्र सरकार को सौंप दी. इसके बाद कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी.

5 दिसंबर से मराठा आरक्षण हो सकता है लागू

विधानसभा से मराठा आरक्षण विधेयक मंजूर होने के बाद इससे राज्यपाल के हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा, फिर राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. राष्‍ट्रपति की मुहर लगते ही राज्य में मराठा आरक्षण लागू हो जाएगा. क्‍विंट हिंदी के सूत्रों के मुताबिक, तमाम वैधानिक प्रक्रिया के बाद प्रदेश में मराठा आरक्षण 5 दिसंबर से लागू होने की उम्‍मीद जताई जा रही है.

आरक्षण की पूरी रिपोर्ट रखे जाने को लेकर घमासान

मराठा आरक्षण की 'पूरी रिपोर्ट' विधानसभा में रखे जाने की मांग को लेकर विपक्ष ने फडणवीस सरकार के खिलाफ तेवर सख्‍त कर लिए हैं. विपक्ष ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने पूरी रिपोर्ट सदन में पेश नहीं की, तो विधानसभा में कामकाज नहीं होने दिया जाएगा.

उधर, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विपक्ष की इस मांग को मराठा विरोधी बताते हुए विपक्ष पर पलटवार किया है. सीएम ने आरोप लगाया है कि मराठा आरक्षण देने की प्रक्रिया में विपक्ष टांग अड़ा रहा है.

फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि नियम के मुताबिक, अगर सरकार किसी आयोग की रिपोर्ट को स्वीकारती है, तो सरकार को ये अधिकार होता है कि उसकी 'एक्शन टेकन रिपोर्ट' (ATR) विधानसभा में रखे. उन्‍होंने कहा कि सरकार नियम के मुताबिक काम कर रही है.

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मराठा समाज 3 साल से बना रहा दबाव

महाराष्ट्र के अलग-अलग इलाकों में मराठा समुदाय ने आरक्षण की मांग को लेकर कई बड़े मोर्चे निकाले, जिनसे सही मायने में सरकार पर दबाव बना. कई मोर्चे एकदम शांतिपूर्ण तरीके से, बिना किसी उपद्रव के निकाले गए थे.

आयोग ने 2 लाख लोगों से की बात

पिछड़ा वर्ग आयोग, जिसे मराठा आरक्षण की रिपोर्ट तैयार करने का काम सौंपा गया था, उसने राज्य के 2 लाख से ज्‍यादा लोगों से बातचीत की, फिर दस्तावेजों के आधार पर रिपोर्ट सरकार को सौंपी. आयोग ने इस बात की पड़ताल की कि क्‍या मराठा समुदाय वाकई पिछड़ा है? इस समुदाय की पहले क्‍या स्थिति थी और मौजूदा स्‍थ‍िति कैसी है?

ऐसे ही अन्‍य कई विषयों पर गौर करने के बाद आयोग ने रिपोर्ट में ये माना है कि मराठा समुदाय सामाजिक तौर पर और शिक्षा में पिछड़ा है.

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