केंद्रीय मंत्रिमंडल (Modi Cabinet) में महाराष्ट्र से नारायण राणे, कपिल पाटिल, डॉ. भागवत कराड और डॉ. भारती पवार को मौका दिया गया है. इस विस्तार में चुनावी राज्यों के साथ महाराष्ट्र को भी खास तवज्जो दिया गया है. महाराष्ट्र के कोटे से बने चार मंत्रियों पर नजर डाले तो पता चलता है कि बीजेपी ने महाराष्ट्र में क्षेत्रीय और सामाजिक संतुलन बनाने पर जोर दिया है. साथ ही एक चीज साफ हो रही है कि महाराष्ट्र में बीजेपी अब अपने दम पर सत्ता हासिल करने में जुटी है.
जरा महाराष्ट्र से बने मंत्रियों के बारे में विस्तार में जान लें..
नारायण राणे
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके है. महाराष्ट्र के दबंग नेता की छवि रही है. शिवसेना से राजनीति की शुरुआत हुई. लेकिन उद्धव ठाकरे से अनबन के बाद शिवसेना छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए. कांग्रेस में हमेशा से मुख्यमंत्री बनने की असफल कोशिशें करते रहे. कांग्रेस में बगावत के बाद 2017 में खुद की 'महाराष्ट्र स्वाभिमान पार्टी' शुरू की. लेकिन जल्द ही अपनी पार्टी को बीजेपी में विलीन कर बीजेपी के राज्यसभा सांसद बने. राणे को शिवसेना के कट्टर विरोधक के रूप में देखा जाता है. वो शिवसेना के गढ़ कोकण इलाके से आते है. सुरेश प्रभु की मोदी कैबिनेट से हुई छुट्टी के बाद यहां से प्रतिनिधित्व देना जरूरी था. इसीलिए राणे की केंद्रीय मंत्रिमंडल में एंट्री शिवसेना का सर दर्द बढ़ा सकती है.
कपिल पाटिल
मुंबई से सटे भिवंडी लोकसभा चुनाव क्षेत्र से बीजेपी के सांसद है. 2014 को एनसीपी पार्टी से बीजेपी में शामिल हुए थे. जिसके बाद NDA से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीते. पूर्व बीजेपी नेता गोपीनाथ मुंडे ने कपिल पाटिल को बीजेपी में लाया था,जो कि एनसीपी के लिए बड़ा झटका था. कपिल पाटिल ओबीसी समुदाय से आते है. मुंबई के एमएमआर रीजन में आगामी कॉर्पोरेशन चुनाव के चलते पाटिल को केंद्रीय मंत्री बनाना काफी अहम समझा जा रहा है. बता दे कि एमएमआर रीजन में तकरीबन 60 विधानसभा चुनाव क्षेत्र आते है जिसमे हमेशा शिवसेना का वर्चस्व रहा है.
डॉ. भागवत कराड
महाराष्ट्र के मराठवाड़ा इलाके से आते है. बीजेपी के राज्यसभा सांसद बनने से पहले औरंगाबाद में मेयर रह चुके है. इस इलाके में वंजारी समाज का दबदबा है. भागवत इसी समुदाय का नेतृत्व करते है. पंकजा मुंडे के भी करीबी माने जाते है. पेशे से डॉक्टर है और संघटन के काम में अच्छी पकड़ है. ओबीसी आरक्षण पर महाराष्ट्र में चल रहे विवाद के बीच भागवत कराड की केंद्रीय मंत्री पद पर नियुक्ति अहम है. इसे बीजेपी की तरफ से ओबीसी समाज को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.
डॉ. भारती पवार
उत्तर महाराष्ट्र के डिंडोरी लोकसभा चुनाव क्षेत्र से सांसद है. 2019 को एनसीपी पार्टी छोड़ बीजेपी में शामिल हुई थी. एकनाथ खडसे के एनसीपी जॉइन करने के बाद उत्तर महाराष्ट्र में बीजेपी को बड़ा नुकसान हो सकता है. ऐसे में भारती पवार को मंत्री बनाकर इस प्रदेश में मजबूती देने का काम किया गया है. साथ ही पेशे से एमबीबीएस डॉक्टर भारती पवार ने इस इलाके में कुपोषण और साफ पानी के लिए काफी काम किया है. एक उच्च शिक्षित महिला के तौर पर उन्हें मराठा समुदाय का प्रतिनिधित्व करने का मौका दिया गया है. हाल ही में उन्हें सर्वश्रेष्ठ महिला सांसद के रूप में सन्मानित भी किया गया है.
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