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मोदी कैबिनेट में नहीं जेपी नड्डा, BJP अध्यक्ष की रेस में सबसे आगे

बीजेपी को यूपी में 80 में से 62 सीटें दिलाने वाले जेपी नड्डा को लेकर बड़ी घोषणा हो सकती है

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जेपी आंदोलन से प्रभावित हो कर 70 के दशक में छात्र राजनीति में कदम रखने वाले जेपी नड्डा को लेकर खबरों का बाजार गर्म है. कयास लगाए जा रहे हैं कि नड्डा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं. मोदी और शाह के करीबी और बीजेपी को यूपी में 80 में से 62 सीटें दिलाने वाले जेपी नड्डा को लेकर ये ऐलान जल्द ही हो सकता है.

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2019 लोकसभा चुनाव से पहले नड्डा को उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया था. यूपी में एसपी-बीएसपी का गठबंधन हुआ जिसके बाद राजनीतिक पंडितों ने यूपी में बीजेपी के अस्तित्व तक पर सवाल उठाए थे. वहां नड्डा ने बीजेपी को 80 में 62 सीटें दिला दी.

कयास लगाए जा रहे हैं कि यूपी में इसी बड़ी जीत के लिए जेपी नड्डा को तोहफा मिल सकता है. बीजेपी में मोेदी और शाह के साथ जे पी नड्डा की तिकड़ी भी मजबूत मानी जाती है. बता दें कि नड्डा मोदी-शाह के पसंदीदा और भरोसेमंद नेताओं में से एक हैं.

जेपी नड्डा का चुनावी सफर

जेपी नड्डा पहली बार 1993 में बिलासपुर से विधायक चुने गए. इसके बाद 1998 से 2003 और 2007 से 2012 तक बिलासपुर सदर से नड्डा विधायक चुने गए. इस बीच 1998 से 2003 तक वह हिमाचल के स्वास्थ्य मंत्री भी रहे. साथ ही 2008 से 2010 तक की हिमाचल में धूमल सरकार में जेपी नड्डा को वन और पर्यावरण, विज्ञान और तकनीकी का मंत्री बनाया गया. साल 2012 में नड्डा हिमाचल से राज्यसभा के लिए चुने गए थे. साल 2014 में मोदी सरकार आने के बाद जेपी नड्डा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री बने.

छात्र संघ अध्यक्ष से बीजेपी अध्यक्ष बनने तक का सफर

जेपी नड्डा 70 के दशक में हुए जेपी आंदोलन से प्रभावित हो कर छात्र राजनीति में सक्रिय हुए थे. पटना में रहने के दौरान नड्डा ने आरएसएस की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जॉइन की. इसके बाद वो 1977-1979 तक पटना यूनिवर्सिटी में विद्यार्थी परिषद के सेक्रेटरी रहे. जेपी नड्डा के राजनीतिक सफर की शुरुआत यहीं से हुई.

पटना में विद्यार्थी परिषद का काम करने के बाद नड्डा ने हिमाचल का रुख किया. जेपी नड्डा हिमाचल प्रदेश विद्यार्थी परिषद के सचिव और सह सचिव के पद पर रहे. साल 1983 में नड्डा ने हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी के छात्र संघ में अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की.

जेपी नड्डा ने विद्यार्थी परिषद के अलग-अलग पदों पर काम किया. कुशल रणनीति और सक्रियता के कारण विद्यार्थी परिषद में नड्डा का प्रमोशन होता गया. साल 1986 में नड्डा विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय सचिव और संगठन मंत्री बनाए गए. 1989 में भ्रष्टाचार के खिलाफ नड्डा ने एक आंदोलन छेड़ा और केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला. जिसके लिए वो गिरफ्तार हुए और 45 दिन तक जेल में भी गए.

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राष्ट्रीय राजनीति में एंट्री

1989 और 1990 लोकसभा चुनाव में जेपी नड्डा को युवा मोर्चा में चुनाव प्रभारी बनाए गए थे. यहीं से नड्डा की राष्ट्रीय राजनीति में एंट्री हुई. साल 1990-91 तक के लिए नड्डा हिमाचल प्रदेश बीजेपी के सेक्रेटरी बने. बता दें कि नड्डा 31 साल की उम्र में ही (1991 से 1994 तक) भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए थे.

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