मध्यप्रदेश के रीवा जिले से बीजेपी के विधायक और पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ल द्वारा अपने क्षेत्र के मुंबई में फंसे प्रवासी मजदूरों के लिए फिल्म अभिनेता सोनू सूद से मदद मांगे जाने के मामले पर कांग्रेस ने हमला बोला है. कांग्रेस का कहना है कि राज्य की शिवराज सरकार लाखों मजदूरों को वापस लाने के दावे कर रही है और उसी के विधायक को सोनू सूद से मदद मांगनी पड़ रही है.
'BJP विधायक को आपकी सरकार पर भरोसा नहीं'
कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने बीजेपी विधायक राजेंद्र शुक्ल के ट्वीट को लेकर ट्वीट किया,
“MP की कड़वी सच्चाई को उजागर करता राजेंद्र शुक्ल का यह ट्वीट, शिवराज जी, देख लीजिए पूर्व मंत्री और रीवा से वर्तमान बीजेपी विधायक को आपकी सरकार पर भरोसा नहीं रहा तो उन्हें मुंबई में फंसे प्रवासी मजदूरों के लिए मजबूरी में एक्टर सोनू सूद से मदद लेनी पड़ रही है.”
यादव ने राजेंद्र शुक्ल के उन ट्वीट को रीट्वीट भी किया है, जिनमें कहा गया है कि "सोनू सूद जी, रीवा औऱ सतना निवासी काफी दिनों से मुंबई में फंसे हुए हैं और अभी तक वापस नहीं पहुंच पाए हैं. कृपया इनको वापस लाने में हमारी मदद करें."
सोनू सूद का जवाब
इस पर सोनू सूद ने जवाब दिया, "सर, अब कोई भाई कहीं नहीं फंसेगा. आपके प्रवासी भाइयों को कल आपके पास भेज देंगे सर. कभी एमपी आया तो पोहा जरूर खिलाना."
उसके बाद शुक्ल ने सोनू सूद को धन्यवाद देते हुए लिखा, "धन्यवाद सोनू सूद जी, विंध्य की पावन भूमि में आपका हमेशा स्वागत है. मुंबई में अभी बचे हुए 168 में से करीब 55 लोगों को भिजवा दिया गया है. 113 लोग बचे हुए हैं, जिन्हें सकुशलता से भिजवाने के लिए मैं आपको अग्रिम धन्यवाद व भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं."
कांग्रेस के हमलों का जवाब देते हुए राजेंद्र शुक्ल ने बुधवार को लिखा, "मेरे अकर्मण्य कांग्रेसी मित्रों, रीवा में पिछले तीन हफ्तों में 45 श्रमिक ट्रेन 42 हजार ज्यादा लोगों को वापस ला चुकी हैं. इसके अलावा 1,500 बसों से 75 हजार विंध्यवासियों को देश व प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से लाया गया है. यह केंद्र व प्रदेश सरकार के सहयोग और समन्वय से ही संभव हुआ है."
उन्होंने आगे लिखा, "कोरोना काल में घरों में छुपे कांग्रेसियों को पता ही नहीं कि लाखों विंध्यवासी केंद्र व प्रदेश सरकार के सहयोग से वापस आ चुके हैं. विगत 2 माह में देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए लोगों तक बीजेपी संगठन, समाजसेवी व निजी संबंधों से लगातार राशन, चिकित्सा और आर्थिक सहायता का इंतजाम किया गया."
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