उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से सांसद मुलायम सिंह यादव ने बुधवार को संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पक्ष में बयान देकर पक्ष-विपक्ष दोनों को हैरान कर दिया. मुलायम सिंह यादव ने संसद सत्र के आखिरी दिन लोकसभा में अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री बनने की कामना की.
उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री जी, मेरी कामना है कि आप फिर से प्रधानमंत्री बनें. मेरा अनुभव है कि मैं जब भी आप से मिला, आपने तुरंत मेरा काम किया."
मुलायम सिंह के इस बयान ने उनके बेटे और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. इस बयान के बाद अखिलेश शायद यही सोच रहे होंगे, ‘बापू सेहत के लिए तू तो हानिकारक है...’
पिता मुलायम का बयान बढ़ा सकता है अखिलेश की मुश्किल
मुलायम सिंह यादव का ये बयान ऐसे समय में आया है, जब पूरा विपक्ष दिल्ली में मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए जमा हुआ है. मुलायम सिंह की समाजवादी पार्टी भी इस रैली का हिस्सा रही.
इतना ही नहीं, मुलायम के बेटे अखिलेश यादव का भी यही मकसद है कि आने वाले आम चुनावों में वे विपक्ष के साथ मिलकर केंद्र से बीजेपी को बाहर कर दें. इसके लिए उन्होंने राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन भी किया है.
मुलायम के बयान पर समाजवादी पार्टी नेताओं की प्रतिक्रिया
समाजवादी पार्टी के तमाम नेता भले ही मुलायम सिंह के इस बयान पर तमाम तरह की सफाई दे रहे हैं, लेकिन अंदर यही कानाफूसी चल रही है कि आखिर ‘नेताजी’ ने लोकसभा चुनावों से ठीक पहले ये क्या किया?
मुलायम के इस बयान पर उनकी पार्टी के सदस्यों ने अलग-अलग प्रतिक्रिया दी है. एसपी नेता रविदास मेहरोत्रा ने एएनआई से कहा, ''मुझे नहीं पता कि उन्होंने (मुलायम सिंह यादव) ने ऐसा क्यों कहा. लेकिन हम केंद्र में सरकार बदलना चाहते हैं. हमें यकीन है कि मोदी अपने निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी से हार जाएंगे.''
मुलायम के इस अप्रत्याशित बयान पर उनके भाई और पार्टी महासचिव राम गोपाल यादव ने भी हैरानी जताई. उन्होंने पीएम मोदी को लेकर जताई गई मुलायम की इच्छा को पूरी तरह से अस्वीकार कर दिया.
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह का बचाव करते नजर आए. उन्होंने कहा:
‘नेताजी पहलवान हैं, कुश्ती शुरू होने से पहले पहलवान एक-दूसरे से हाथ मिलाते हैं, शुभकामनाएं देते हैं और फिर उसी जमीन पर पटक-पटक कर धूल चटाता है.’
उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोगों को मुलायम के शिष्टाचार पर राजनीति नहीं करनी चाहिए.
अखिलेश के लिए पहले भी मुश्किलें खड़ी कर चुके हैं मुलायम
ये पहला मौका नहीं है, जब मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी के नेताओं के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं. साल 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी कुनबे में मची कलह के दौर से लेकर अब तक मुलायम ऐसे कई बयान दे चुके हैं, जिन्होंने अखिलेश यादव को असहज कर दिया.
- सितंबर, 2017 में मुलायम सिंह यादव का अपने बेटे और पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को लेकर दर्द छलका. उन्होंने कहा, ''अखिलेश बेटे हैं, उन्हें हमारा आशीर्वाद है. लेकिन उनके निर्णयों से मैं सहमत नहीं हूं. अखिलेश ने हमसे कहा था कि तीन महीने का समय दे दीजिए, उसके बाद आप अध्यक्ष हो जाना. लेकिन वह अपनी बात पर नहीं टिका. ऐसा व्यक्ति जीवन में कभी कामयाब नहीं हो सकता. बाप को ही धोखा दिया. जो बाप का नहीं, वो किसी का नहीं.''
- दिसंबर, 2017 में मुलायम सिंह यादव ने गुजरात चुनावों को लेकर कहा कि गुजरात चुनाव में समाजवादी पार्टी पांचों सीटों पर चुनाव हारेगी.
- यूपी में निकाय चुनाव में एसपी की हार पर मुलायम ने कहा कि पार्टी में एकता नहीं है. इस वजह से निकाय चुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके. उन्होंने कहा कि अगर निकाय चुनाव में शिवपाल सिंह यादव को जिम्मेदारी देकर चुनाव लड़ा जाता, तो नतीजे बेहतर आते.
- जनवरी 2018 में मुलायम सिंह यादव ने पार्टी की एक सभा में कहा कि कुछ नेता दल के अंदर गुटबाजी को बढ़ावा दे रहे हैं, गुटबाजी ठीक बात नहीं है. उन्होंने कहा, ''मैंने अखिलेश से भी ये बात कही है. यही बात मैं कार्यकर्ताओं से भी कह रहा हूं, गुटबाजी से नुकसान होता है.'' मुलायम का ये निशाना रामगोपाल पर था.
- अगस्त 2018 में मुलायम सिंह यादव ने कहा कि उनकी कोई सुनता नहीं है और न ही उनका कोई सम्मान करता है. उनके इस बयान के बाद समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव विपक्ष के निशाने पर आ गए.
- राष्ट्रपति चुनाव के दौरान भी मुलायम सिंह यादव ने पार्टी लाइन से हटकर एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का समर्थन किया था, जबकि उनकी पार्टी ने विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार का समर्थन किया था.
मुलायम के बयान ने सोनिया को कर दिया असहज
मुलायम के इस बयान ने उनके पास बैठे सांसदों को हैरान कर दिया. मुलायम सिंह यादव के ठीक बराबर में बैठी यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी भी इस दौरान असहज और बीच-बीच में मुस्कुराती नजर आईं.
बता दें कि यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए विपक्ष को एकजुट करने की मुहिम में जुटी हुई हैं. लेकिन मुलायम के इस बयान पर उन्हें भी समझ नहीं आया कि वह किस तरह की प्रतिक्रिया दें.
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