केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने गुरुवार, 31 मार्च को कहा कि केंद्र सरकार ने नागालैंड, असम और मणिपुर में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) के तहत अशांत क्षेत्रों को नियंत्रित करने का फैसला किया है. अमित शाह ने ट्वीट करते हुए कहा कि AFSPA के तहत क्षेत्रों में कमी लगातार प्रयासों और उग्रवाद को समाप्त करने और प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पूर्वोत्तर में स्थिति को सामान्य करने के लिए कई समझौतों के कारण बेहतर सुरक्षा स्थिति और तेजी से विकास का परिणाम है.
गृहमंत्री ने कहा कि एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत सरकार दशकों बाद नागालैंड, असम और मणिपुर राज्यों में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) के तहत अशांत क्षेत्रों को कम करने का फैसला लिया है.
अटूट प्रतिबद्धता, हमारा पूर्वोत्तर क्षेत्र, जो दशकों से उपेक्षित था, अब शांति, समृद्धि और अभूतपूर्व विकास के एक नए युग का गवाह बन रहा है. मैं इस महत्वपूर्ण अवसर पर पूर्वोत्तर के लोगों को बधाई देता हूं.
1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में जवाब में ब्रिटिश सरकार द्वारा सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम शुरू किया गया.
आजादी के बाद प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू ने अधिनियम को बनाए रखने का फैसला किया, फिर 1958 अधिनियम अधिसूचित किया गया.
आतंकवाद के वर्षों के दौरान पूर्वोत्तर राज्यों, जम्मू और कश्मीर और पंजाब पर AFSPA लगाया गया है. पंजाब पहला राज्य था जहां से इसे निरस्त किया गया था, उसके बाद त्रिपुरा और मेघालय थे. यह कानून नागालैंड, मणिपुर, असम, जम्मू-कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में लागू है.
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