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नाना पटोले के महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष बनने में कहां फंसा पेंच?

इस्तीफे के बाद अब नाना पटोले का नाम अध्यक्ष पद की इस रेस में सबसे आगे माना जा रहा है. 

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महाराष्ट्र के विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. अब ऐसे कयास लग रहे हैं कि वो महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं. दरअसल, महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष और राजस्व मंत्री बाळासाहेब थोरात ने कुछ दिनों पहले अपने अध्यक्ष पद के इस्तीफे की पेशकश की थी. जिसके बाद से राज्य में कांग्रेस के नेतृत्व बदलाव की चर्चा ने जोर पकड़ लिया था. ऐसे में इस्तीफे के बाद अब नाना पटोले का नाम अध्यक्ष पद की इस रेस में सबसे आगे माना जा रहा है.

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सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकते हैं राज्य के नेता

महाराष्ट्र कांग्रेस के संगठन में बदलाव को लेकर दिल्ली में गतिविधियां तेज हो गई है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस के सभी बड़े नेता कल सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे. इस बैठक के बाद ही ये ऑफिशियल ऐलान होगा कि कांग्रेस का अगला अध्यक्ष कौन होगा? इसकी अधिकृत घोषणा की जाएगी. लेकिन तब तक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद हासिल करने के लिए कई बड़े नेता दिल्ली में लॉबिंग करते हुए नजर आ सकते है.

बालासाहेब थोरात क्यों छोड़ रहे प्रदेश अध्यक्ष पद?

पिछले महीने बालासाहेब थोरात ने दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात की. जिसमें उन्होंने राजस्व मंत्री पद के साथ संगठन की जिम्मेदारी संभालने पर असमर्थता दर्शाते हुए इस्तीफे की पेशकश की. साथ ही किसी युवा को नेतृत्व की जिम्मेदारी देने की इच्छा व्यक्त की. तब से ही कांग्रेस संगठन में बड़े फेरबदल की कवायद शुरू हो गई थी. राज्य प्रभारी एच. के. पाटिल ने सभी विधायको से वन टू वन चर्चा की और आला नेताओं के साथ भी बैठकों का दौर शुरू हुआ. लेकिन इतनी कवायदों के बावजूद किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन सकी.

नाना पटोले हैं रेस में सबसे आगे?

हाल ही में मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए मराठा समाज से भाई जगताप का नाम चुना गया. जिसके बाद पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए ओबीसी चेहरा देने की मांग जोर पकड़ने लगी. ऐसे में पीएम मोदी को चुनौती देते हुए कांग्रेस में शामिल होने वाले नाना पटोले एक आक्रामक ओबीसी चेहरा बनकर सामने आए. नाना राहुल गांधी के भी चहेते माने जाते है. पिछली विधानसभा चुनाव में विदर्भ ने कांग्रेस को काफी ताकत दी. इसलिए विदर्भ के भंडारा-गोंदिया से सांसद रह चुके नाना पटोले पर विदर्भ को फिर एक बार कांग्रेस का गढ़ बनाने की जिम्मेदारी मिल सकती है.

पटोले के नाम पर क्यों नहीं बन रही सहमति ?

सूत्रों की माने तो कांग्रेस के कुछ नेताओं ने पटोले के नाम को विरोध किया है. उनका कहना है कि पटोले को संगठन का नेतृत देना ठीक नही होगा. पटोले पहले एनसीपी में थे, फिर बीजेपी में गए और अब कांग्रेस में शामिल हो गए है. पार्टी में आते ही पटोले को किसान मोर्चा का अध्यक्ष पद, फिर भंडारा-गोंदिया विधानसभा सीट के उपचुनाव की टिकट और फिर 2019 की विधानसभा चुनाव में विधायक चुनकर आने पर महाराष्ट्र विधानसभा का स्पीकर पद सौंपा गया. इसलिए बड़े नेताओं से पटोले के नाम पर सहमति बनती नहीं दिख रही.

अध्यक्ष पद के दावेदार कौन-कौन हैं?

पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा पीडब्ल्यूडी मंत्री अशोक चव्हाण, ऊर्जा मंत्री नितिन राउत, मदद और पुनर्वास मंत्री विजय वडेट्टीवार और महिला बाल कल्याण मंत्री यशोमति ठाकुर का भी नाम प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए चर्चा में है. युवा चेहरों में पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के बेटे और मौजूदा मेडिकल एजुकेशन मंत्री अमित देशमुख और पूर्व सांसद राजीव सातव का नाम भी इस दौड़ में लिया जा रहा है. राजीव सातव राहुल गांधी के काफी करीबी भी माने जाते है.

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