बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातिगत जनगणना को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री ने सोमवार, 23 मई को पटना में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उनकी सरकार जल्द ही बिहार की सभी पार्टियों से विचार लेने के बाद जाति जनगणना पर काम शुरू करेगी. जाति जनगणना पर सर्वदलीय बैठक 27 मई को हो सकती है, हालांकि सीएम नीतीश कुमार के अनुसार इस तिथि पर बैठक के लिए सभी पार्टियों ने अभी हामी नहीं भरी है.
मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा कि "बिहार विधानसभा ने दो बार जाति-आधारित जनगणना के प्रस्ताव को पारित किया है. इस बार सभी पार्टियों की बैठक करके और निर्णय लेकर कैबिनेट के सामने पेश किया जाएगा. कैबिनेट से मंजूरी के बाद जाति-जनगणना पर काम शुरू किया जायेगा."
"जाति-जनगणना के मुद्दे पर सभी दलों की बैठक हो जाए तो अच्छा रहेगा. सरकार में भी हमने इसके लिए सभी तैयारी कर ली है लेकिन पहले सबकी राय लेकर इसे कैबिनेट में भेजा जायेगा... 27 (मई) को बैठक के लिए अनेक पार्टियों से बात हुई है लेकिन अभी सभी पार्टियों की सहमति नहीं आई है."मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
हम इस पर चर्चा करेंगे- जाति जनगणना पर बिहार बीजेपी
बिहार के उप-मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता तारकिशोर प्रसाद भी उसी सभा में मौजूद थे जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गए थे. हालांकि वो यह साफ नहीं कर पाए कि जाति जनगणना के मुद्दे पर बीजेपी और JDU एक पाले में हैं या नहीं.
जाति जनगणना पर मीडिया के सवालों पर तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि "हम इस पर चर्चा करेंगे और सभी पहलुओं पर विचार करेंगे".
गौरतलब है कि केंद्र सरकार लंबे समय से कहती रही है कि जाति आधारित जनगणना समाज के लिए विभाजनकारी है. लेकिन बिहार के राजनीतिक पार्टियों का तर्क है कि जनसंख्या के जाति संरचना को जानने से समाज में उपेक्षित लोगों की मदद करने के लिए बेहतर पॉलिसी बन सकेंगी.
पिछले साल बिहार का एक प्रतिनिधिमंडल, जिसमें नीतीश कुमार के साथ-साथ तेजस्वी यादव भी शामिल थे, ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर जाति की जनगणना के लिए दबाव डाला था.
(इनपुट- तनवीर आलम)
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