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यूपी उपचुनावः वोटिंग से पहले ही SP और RLD के हाथ से निकली दो सीटें

यूपी उपचुनाव में मिलकर लड़ रहे हैं एसपी-आरएलडी

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उत्तर प्रदेश की 11 विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिए 21 अक्टूबर को वोटिंग होनी है. इन सीटों पर नतीजे 24 अक्टूबर को वोटों की गिनती के बार घोषित कर दिए जाएंगे. लेकिन समाजवादी पार्टी और आरएलडी को वोटिंग से पहले ही बड़ा झटका लगा है. इन दोनों पार्टियों के हाथों से दो सीटें वोटिंग से पहले ही निकल गईं.

दरअसल, उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव में घोसी और इगलास विधानसभा सीटों पर समाजवादी पार्टी (SP)-राष्ट्रीय लोक दल (RLD) गठबंधन के उम्मीदवारों के नामांकन रद्द हो गए हैं.

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घोसी विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी उम्मीदवार का पर्चा रद्द

मऊ जिले की घोसी विधानसभा सीट के लिए समाजवादी पार्टी उम्मीदवार सुधाकर सिंह का नामांकन पत्र रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) ने रद्द कर दिया. हालांकि, निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर उनके नामांकन के दस्तावेज बिल्कुल सही थे.

निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लड़ेंगे सुधाकर सिंह

घोसी के आरओ विजय कुमार मिश्रा ने बताया कि सुधाकर सिंह का नामांकन इस आधार पर निरस्त किया गया कि उम्मीदवार द्वारा जमा किए गए फॉर्म ए और फॉर्म बी पर पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के हस्ताक्षर नहीं थे.

उन्होंने कहा, "लेकिन सुधाकर सिंह द्वारा निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अलग से जमा किए गए दस्तावेज पूरी तरह सही पाए गए."

समाजवादी पार्टी प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि पार्टी सुधाकर सिंह को पूरा समर्थन देगी.

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इगलास विधानसभा सीट से RLD उम्मीदवार का पर्चा रद्द

अलीगढ़ की इगलास विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल ने संयुक्त उम्मीदवार उतारा था. लेकिन गठबंधन उम्मीदवार सुमन दिवाकर का नामांकन दस्तावेजों की कमी के कारण आरओ ने रद्द कर दिया.

इगलास के आरओ अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि सुमन दिवाकर ने तय समय में फॉर्म बी और जाति प्रमाण पत्र जमा नहीं किया, जिसके कारण उनका नामांकन रद्द कर दिया गया.

सुमन दिवाकर का आरोप- मेरे खिलाफ साजिश हुई

वहीं दूसरी तरफ SP-RLD गठबंधन की तरफ से उम्मीदवार बनाई गईं सुमन दिवाकर ने बताया कि वह सभी संबद्ध दस्तावेजों के साथ आरओ कार्यालय सोमवार दोपहर 2.30 बजे पहुंच गई थीं.

दिवाकर ने कहा कि उन्हें 2.50 बजे तक बाहर इंतजार करने के लिए कहा गया, जबकि समय सीमा तीन बजे खत्म होने वाली थी. उन्होंने कहा कि उन्होंने आपत्ति जताई तो उन्हें कार्यालय में अंदर आने दिया गया, तब भी समय सीमा समाप्त नहीं हुई थी.

उन्होंने आरोप लगाया, “जिस व्यक्ति के पास फॉर्म बी था, उसे साजिशन जानबूझ कर तीन बजे से पहले कार्यालय में नहीं जाने दिया गया.”

राष्ट्रीय लोक दल के प्रदेश अध्यक्ष मसूद अहमद ने कहा कि उनकी पार्टी सभी कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही है.

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