जेडीयू ने प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को पार्टी से बाहर निकाल दिया है. प्रशांत किशोर पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है. पार्टी के फैसले के तुरंत बाद प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर नीतीश कुमार को ‘थैंक्यू’ बोला है, साथ ही नीतीश कुमार को बिहार का सीएम बने रहने की ‘अग्रिम’ शुभकामना दी है.
नागरिकता कानून पर प्रशांत किशोर का रुख नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू की तरफ नहीं था. वो नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ काफी मुखर हैं और पुरजोर विरोध कर रहे हैं. वहीं जेडीयू का स्टैंड नागरिकता कानून को लेकर केंद्र सरकार के साथ है.
पवन वर्मा ने पार्टी से निकाले जाने पर नीतीश कुमार को बधाई दी है.
नीतीश कुमार अब छोटे राजनीतिक मकसद हासिल कर सकते हैं जैसे कि बिहार का मुख्यमंत्री बनना. और वो भी पार्टी के संविधान, उनके अपनी विचारधारा और बीजेपी की हरकतों को ध्यान में रखे बिना.पवन वर्मा
जहां जाना है चले जाएं प्रशांत किशोर: नीतीश कुमार
प्रशांत किशोर को पार्टी से निकाले जाने से ठीक एक दिन पहले यानी 29 जनवरी को नीतीश कुमार ने कहा था कि प्रशांत किशोर को जहां जाना है, वहां चले जाएं, लेकिन अगर पार्टी में रहना है तो पार्टी की लाइन पर ही रहना होगा.
इस दौरान नीतीश कुमार ने ये भी कहा था कि प्रशांत की जेडीयू में एंट्री अमित शाह के कहने पर हुई थी. नीतीश के इस बयान पर प्रशांत किशोर ने कहा था,
आप इतने गिर जाएंगे कि मेरे JDU में शामिल होने को लेकर झूठ बोलेंगे... और अगर आप सच बोल रहे हैं तो कौन यकीन करेगा कि आप अमित शाह की सिफारिश पर आए किसी शख्स की बात नहीं मान रहे.
बहरहाल, कुल मिलाकर बिहार की राजनीति के लिए इसका मतलब निकालें तो यही समझ आता है कि भले ही हाल फिलहाल चर्चा चली हो कि जेडीयू एक बार फिर गैर बीजेपी दलों के साथ जा सकती है लेकिन नीतीश के तेवर लगता है कि फिलहाल उनका बीजेपी से अलग होने का कोई इरादा नहीं है.
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