कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने इलाहाबाद में फूलचंद पासी के परिवार से मुलाकात की. पिछले दिनों परिवार के चार लोगों के साथ फूलचंद पासी की हत्या कर दी गई थी. इस घटना में हत्या करने का आरोप पड़ोस के ही सामंती गुंडे पर है.
परिवार के लोगों ने अपना दर्द साझा करते हुए प्रियंका गांधी को बताया कि स्थानीय पुलिस और प्रशासन द्वारा हमारी बातें नहीं सुनी जाती और हत्या करने वालों को उनके द्वारा संरक्षण दिया जाता है.
प्रियंका गांधी ने कहा जो मुझे बताया गया है उसके अनुसार जिस तरह से ये हत्या हुई है उससे मैं खुद हिली हुई हूं. परिवार आज दहशत में है, वो कह रहे हैं कि हमारे साथ पता नहीं क्या किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि महिलाएं घर में अकेली हैं, उनको घबराहट हो रही है कि वो अकेले क्या करेंगीं अगर कल कोई आकर उनको प्रताड़ित करेगा तो
पुलिस से उनको सहयोग नहीं मिला है, महिलाएं मुझे बता रही थीं कि वो जब शिकायत लेकर जाती थीं तो वो इनका मजाक उड़ाते थे, इन पर हंसते थे.प्रियंका गांधी, महासचिव, कांग्रेस
उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह कुल्हाड़ी से गला काटकर हत्या की गई, ऐसी परिस्थिति को देखकर प्रशासन कैसे चुप रह सकता है.
प्रियंका गांधी ने कहा कि आज संविधान दिवस है और इस देश के संविधान में लिखा है कि इस तरह के हादसे नहीं होने चाहिए, अगर होते हैं तो कार्यवाही होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि मैं समझ नहीं पा रही हूं कि इस तरह के हादसे कैसे होते हैं. आगरा में अरुण बाल्मीकि के साथ क्या हुआ, हाथरस में क्या हुआ, यहां क्या हो रहा है. दलितों पर इस तरह का जो अत्याचार हो रहा है, क्या इस पर सब चुप बैठे देखते ही रहेंगे?
उन्होंने कहा कि अगर शासन और प्रशासन मदद नहीं कर रहा है तो संविधान दिवस मनाने का क्या मतलब है.
जहां-जहां मैं जा रही हूं, मुझे स्पष्ट तरह से ये दिख रहा है कि दलितों के लिए न्याय नहीं है. किसानों के लिए न्याय नहीं है, महिलाओं के लिए न्याय नहीं है. न्याय सिर्फ उन लोगों के लिए है जिनकी सत्ता है, जो उनके साथ उठते बैठते हैं और जो उनके बड़े-बड़े उद्योगपति दोस्त हैं.प्रियंका गांधी, महासचिव, कांग्रेस
उन्होंने आगे कहा कि परिवार पर 2019 में अत्याचार हुआ, 2020 में हुआ और फिर इस बार हुआ, इन्हें प्रशासन के द्वार क्यों नहीं गया.
प्रियंका गांधी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में दलितों, महिलाओं, किसानों और अल्पसंख्यकों के लिए न्याय नहीं है. दो साल से मैं देख रही हूं कि संविधान को खत्म किया जा रहा है.
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