उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी से बदसलूकी के खिलाफ रविवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दिल्ली और भोपाल में प्रदर्शन किया. दिल्ली में यूथ कांग्रेस ने यूपी भवन के सामने यूपी के सीएम आदित्यनाथ योगी का पुतलना जलाने की कोशिश की, लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया. भोपला में कार्यकर्ताओं ने पुतला जलाया.
दिल्ली में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने चूड़ियां लेकर भी प्रदर्शन किया.
योगी आदित्यनाथ महिला नेताओं की आवाज दबाने के लिए हिंसा का इस्तेमाल कर रहे हैं.बीजेपी राज में महिला नेताओं के खिलाफ हिंसा बढ़ गई है.मीना टोको, कांग्रेस महासचिव, अरुणांचल प्रदेश
यूपी पुलिस आम लोगों को जेल भेज रही थी, अब सीनियर नेताओं से बदसलूकी भी कर रही है. योगी आदित्यनाथ ने सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार खो दिया है.अमरीश रंजन पांडे, मीडिया इंचार्ज, यूथ कांग्रेस
भोपाल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने योगी आदित्यनाथ का पुतला जलाया. लोकल एमएलए आरिश मसूद के नेतृत्व में हुए इस प्रदर्शन में कार्यकर्ताओं ने यूपी पुलिस मुर्दाबाद के बैनर लिए हुए थे. इस प्रदर्शन में महिला कार्यकर्ताओं ने भी हिस्सा लिया. प्रदर्शनकारी ‘योगी और मोदी तेरी तानाशाही नहीं चलेगी’ के नारे लगा रहे थे.
बता दें कि यूपी पुलिस ने प्रियंका गांधी से बदसलूकी के आरोपों से इंकार किया है.
शनिवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया था कि यूपी पुलिस ने उन्हें बेवजह रोका और गला दबाया. प्रियंका के मुताबिक - ‘पुलिस ने मेरी गाड़ी के आगे अपनी गाड़ी लगा दी. आगे जाने रोका. उन्होंने कहा कि हम आगे नहीं जा सकते. हमने पूछा क्यों नहीं जा सकते तो बोले कि बस नहीं जा सकते.’
प्रियंका गांधी यूपी कांग्रेस की प्रवक्ता सदफ जफर के परिवार से मिलने जा रही थीं. सदफ जफर को यूपी पुलिस ने नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के लिए गिरफ्तार किया है. सदफ जफर की जमानत याचिका भी कोर्ट ने खारिज कर दी थी. उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि जेल में जफर के साथ 'थर्ड डिग्री' से भी बुरा व्यवहार हो रहा है..
प्रियंका के साथ महिला पुलिसकर्मियों की बदसलूकी से वह काफी परेशान हुए. एक ने उनका गला पकड़ा और दूसरी ने उन्हें धक्का दिया. इसके बावजूद हिम्मती प्रियंका टू-व्हीलर से पूर्व आईपीएस अफसर एसआर दारापुरी के परिवार वालों से मिलने पहुंच ही गईं.रॉबर्ट वाड्रा, प्रियंका गांधी के पति
कौन हैं सदफ जफर
यूपी में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान यूपी कांग्रेस की मीडिया प्रवक्ता और टीचर रह चुकीं सदफ जफर की जिस बेरहमी से पिटाई की गई वह पुलिसिया जुल्म की नजीर बन गई . पूरे देश में लखनऊ की इस पूर्व टीचर के खिलाफ पुलिस की क्रूर कार्रवाई की चर्चा हो रही है.
जफर के परिवार वालों का आरोप है कि पुलिस ने उनके हाथ और पैरों पर लाठियां बरसाईं. उनके पेट पर लातें बरसाईं गईं. इससे उन्हें इंटरनल ब्लीडिंग होने लगी.
लखनऊ में 19 दिसंबर को सीएए के खिलाफ जबरदस्त रैली हुई. जफर इसमें शामिल थीं. परिवर्तन चौक पर जब शरारती तत्वों ने पुलिस पर पत्थर फेंकना शुरू किया तो उन्होंने इसे फेसबुक पर लाइव कर दिया. जब पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया तो भी वह लाइव थीं. इनमें से एक वीडियो में वह यह कहती दिख रही हैं यहां तो पुलिस और प्रदर्शनकारियों में मिलीभगत है. जो लोग पत्थर फेंक रहे हैं पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है.
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