राहुल गांधी ने औपचारिक तौर पर कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. ट्विटर पर जारी 4 पन्नों के बयान में राहुल गांधी ने कहा है कि बतौर कांग्रेस अध्यक्ष 2019 लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी उनकी है, पार्टी को नए बदलाव की जरूरत है. ऐसे में वो अपने पद से इस्तीफा देते हैं. अपने बयान में राहुल गांधी ने जल्द से जल्द नया अध्यक्ष भी चुन लेने की बात कही है.
राहुल गांधी की पूरी चिट्ठी- इस्तीफे की चिट्ठी में दिखा राहुल का दर्द-‘कई बार मैं अकेला लड़ा’
2019 के चुनावों में कांग्रेस को मिली हार के लिए अध्यक्ष के तौर पर मैं जिम्मेदार हूं. पार्टी की तरक्की के लिए जवाबदेही तय करना जरूरी है. इसलिए मैं पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहा हूं. पार्टी को फिर से खड़ा करने के लिए कड़े फैसले करने होंगे और बहुत से लोगों को 2019 में मिली हार की जिम्मेदारी लेनी होगी. सिर्फ दूसरों को जवाबदेह ठहराना और अध्यक्ष के तौर पर खुद जिम्मेदारी न लेना नाइंसाफी होगी.राहुल गांधी, कांग्रेस
चिट्ठी में बीजेपी को लेकर क्या कहा?
राहुल गांधी ने अपनी चिट्ठी में ये भी लिखा है कि उनके मन में बीजेपी को लेकर किसी भी तरह का गुस्सा या नफरत नहीं है. लेकिन उन्होंने लिखा कि बीजेपी जैसा भारत बनाना चाहती है. उसका राहुल गांधी विरोध करते हैं.
मेरा संघर्ष कभी सियासी शक्ति के लिए था ही नहीं. मेरे मन में बीजेपी के लिए कोई घृणा या गुस्सा नहीं है, लेकिन वो जैसा भारत बनाना चाहते हैं, उसका मेरा रोम-रोम विरोध करता है. ये विरोध इसलिए है क्योंकि इंडिया को लेकर उनकी सोच और मेरी सोच अलग है. ये लड़ाई नई नहीं है. ये लड़ाई हमारी मिट्टी पर हजारों साल से हो रही है. जहां उन्हें अलगाव दिखता है, मुझे समानता दिखती है. जहां उन्हें घृणा दिखती है, मुझे प्यार दिखता है. जिससे वो डरते हैं, उसे मैं गले लगाता हूं.राहुल गांधी, कांग्रेस
ट्विटर पर जारी बयान के कुछ ही देर बाद राहुल गांधी ने अपने ट्विटर अकाउंट का Bio भी बदल दिया. इसे बदलकर अब कांग्रेस अध्यक्ष की जगह मेंबर ऑफ इंडियन नेशनल कांग्रेस और मेंबर ऑफ पार्लियामेंट कर दिया गया है.
राहुल गांधी के इस्तीफे के क्या मायने हैं यहां समझिए
इस्तीफे पर अड़े रहे राहुल गांधी
राहुल गांधी ने अपनी चिट्ठी में ये भी लिखा कि वो नए अध्यक्ष के लिए नाम नहीं सुझाएंगे.
इससे पहले कांग्रेस के कई नेताओं की तरफ से राहुल गांधी को अध्यक्ष पद पर बने रहने की सलाह दी गई. लेकिन राहुल किसी की नहीं माने. खुद उनकी मां और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने भी उनको इस्तीफा न देने की सलाह दी थी. लेकिन राहुल लगातार हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की बात कर रहे थे. जिसके बाद अब उन्होंने खुद बयान दिया है और पार्टी को अध्यक्ष चुनने को कहा है.
हाल ही में सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में पार्टी सांसदों ने राहुल गांधी को मनाने की अंतिम कोशिश की, लेकिन राहुल अपने फैसले पर कायम रहे और कहा कि वह अध्यक्ष पद से इस्तीफा देंगे. इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने राहुल गांधी से कहा कि हार की जिम्मेदारी पूरी पार्टी की है, वो खुद इसके लिए जिम्मेदार नहीं हैं. सभी 51 सांसदों ने भी उनसे यही बात कही, लेकिन राहुल गांधी ने किसी की नहीं मानी
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