जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक राहुल गांधी को कश्मीर आकर वहां के हालात देखने की चुनौती दे रहे थे. अब राहुल गांधी ने जवाब दिया है कि उन्हें एयरक्राफ्ट तो नहीं चाहिए लेकिन कश्मीर में आजाद तरीके से वहां के लोगों, नेताओं से मुलाकात करने की छूट चाहिए.
आपके विनम्र निवेदन पर मैं और विपक्षी नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के दौरे पर आएंगे. हमें एयरक्राफ्ट की जरूरत नहीं है, लेकिन आप ये सुनिश्चित कीजिए कि वहां हम आजादी से यात्रा कर सकें और लोगों से मिल सकें, साथ ही मेनस्ट्रीम के लीडर्स और वहां तैनात जवानों से भी बात कर सकें.राहुल गांधी
इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा कि राज्यपाल मलिक सिर्फ राहुल गांधी ही नहीं बल्कि विपक्षी नेताओं के प्रतिनिधि मंडल को भी कश्मीर आने और हालात का जायजा लेने का मौका दें. शशि थरूर ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक को जवाब देते हुए अपने ट्वीट में लिखा,
‘गर्वनर साहब सिर्फ राहुल गांधी ही क्यों? मैंने लोकसभा में मुद्दा उठाया था कि सभी दलों के एक प्रतिनिधिमंडल को कश्मीर बुलाया जाए. जो वहां के हालात का जायजा ले सकें. ऐसे भाषण देने की बजाय आप ऐसी व्यवस्था का इंतजाम कीजिए.’
आखिर मामला क्या है?
दरअसल, डीडी न्यूज के इंटरव्यू के दौरान जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक से पूछा गया- ''राहुल गांधी ने एक बयान दिया कि कश्मीर में हालत बहुत खराब है, क्या आपको लगता है कि नेताओं को थोड़ा संवेदनशील होकर बोलना चाहिए?'' इस सवाल के जवाब में सत्यपाल मलिक ने कहा,
उन्होंने (राहुल ने) इतना बड़ा झूठ बोला है. मैं उनको चैलेंज करता हूं, मैं उनको भेजता हूं अपना जहाज. आप आकर देखो. अगर वो बता देंगे कि ये गोली लगे हुए घायल पड़े हुए हैं और यहां स्थिति खराब है तो हम मान लेंगे. एक गोली नहीं चली है, एक लाठी भी नहीं चली है.
इसके अलावा मलिक ने कहा, ''राहुल गांधी को जहां बोलना चाहिए, वहां वो बोलते नहीं हैं. संसद में जब आर्टिकल 370 पर बहस हो रही थी तब राहुल को बोलना चाहिए था. तब ऐसे आदमी को खड़ा कर दिया था, जिसकी भाषा भी समझ नहीं आ रही थी. उसने बिल्कुल वो भाषा बोली, जो पाकिस्तान बोलता है.''
जब मलिक से पूछा गया कि जम्मू-कश्मीर में ‘’मौजूदा स्थिति कब तक और बेहतर हो जाएगी’’, तो उन्होंने कहा, ‘’जल्दी से जल्दी (बेहतर) हो जानी चाहिए. लोगों को भी अपने कारोबार करने हैं. मुझे लगता है कि ये 5-7 दिन की बात है. 15 अगस्त के बाद हम ज्यादातर ढील दे देंगे.’’
बता दें कि राहुल गांधी ने कुछ ही दिन पहले कहा था कि जम्मू-कश्मीर से हिंसा की कुछ खबरें सामने आई हैं और पीएम नरेंद्र मोदी को पारदर्शी तरीके से इस मामले पर चिंता व्यक्त करनी चाहिए.
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