महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा दखल रखने वाले राज ठाकरे ने नया ऐलान किया है. राज ठाकरे ने कहा है कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना चुनाव तो नहीं लड़ेगी, लेकिन राज्य में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन के खिलाफ प्रचार करेगी.
पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि राज ठाकरे के इस महीने पांच से छह रैलियां करने की संभावना है. कांग्रेस-एनसीपी के सूत्रों ने कहा कि राज ठाकरे के औपचारिक रूप से कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन के साथ आने की संभावना नहीं है, लेकिन उनके प्रचार से गठबंधन को जरूर मदद मिलेगी.
एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन के साथ नहीं बनी बात
बता दें कि अटकलें लगाई जा रही थी कि राज ठाकरे कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन में शामिल हो सकते हैं. एनसीपी नेता अजित पवार के साथ राज ठाकरे ने मीटिंग भी की थी. लेकिन कुछ बात नहीं बन पाई. आखिरकार, 2019 लोकसभा चुनाव को लेकर एमएनएस चीफ ने ऐलान किया था कि वो लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे.
शरद पवार नहीं चाहते थे राज ठाकरे का साथ
शरद पवार राजनीति में दूर की सोच रखने वाले नेताओं में गिने जाते हैं. राज ठाकरे को महागठबंधन का हिस्सा न बनाने के पीछे पवार की दूरदर्शी सोच को बताया जा रहा था.
बताया जाता है कि शरद पवार को लगता है कि अगर लोकसभा चुनाव में एमएनएस को साथ लिया, तो विधानसभा चुनाव के वक्त सभी पार्टियों के अलग-अलग चुनावी मैदान में उतरने की सूरत में यह महंगा सौदा साबित हो सकता है.
मोदी सरकार पर लगातार हमलावर राज ठाकरे
राज ठाकरे पिछले कुछ दिनों से लगातार मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहे थे. राज ठाकरे ने ये भी दावा किया था कि लोकसभा चुनाव से पहले पुलवामा जैसा एक और हमला हो सकता है. उनका कहना था कि सरकार युद्ध जैसा माहौल बनाकर उसका इस्तेमाल चुनाव के लिए करना चाहेगी. राज ठाकरे का कहना था कि युद्ध के माहौल की आड़ में मुख्य मुद्दे छिप जाएंगे.
उन्होंने सरकार के उस दावे पर भी सवाल उठाए थे, जिसमें एयर स्ट्राइक में सैकड़ों आतंकियों के मारे जाने की बात कही जा रही थी. ठाकरे का कहना था कि अगर आतंकी मारे जाते तो विंग कमांडर अभिनंदन वापस नहीं आते.
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