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राजस्थान: बागी विधायकों से बातचीत के लिए कांग्रेस ने रखी एक शर्त

राजस्थान में 14 अगस्त को बुलाया गया है विधानसभा सत्र

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राजस्थान की राजनीति में आए सियासी भूचाल के बाद अब फिलहाल थोड़ी शांति दिख रही है, लेकिन ये सन्नाटा किसी बड़े तूफान से आने का संकेत भी हो सकता है. क्योंकि अभी विधानसभा सत्र बुलाए जाने में काफी दिन बाकी हैं. इसी बीच कांग्रेस की तरफ से बागी विधायकों से बातचीत के संकेत दिए गए हैं. कांग्रेस ने कहा है कि वो अपने विधायकों से बात करने के लिए तैयार हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें हरियाणा की बीजेपी सरकार की खातिरदारी छोड़नी होगी.

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कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने राम मंदिर को लेकर एक प्रेस ब्रीफिंग की. जिसमें उनसे राजस्थान के बागी विधायकों को लेकर भी सवाल किया गया. जब सुरजेवाला से पूछा गया कि क्या बागी विधायकों के लिए अब कांग्रेस के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो चुके हैं? तो इसके जवाब में उन्होंने कहा,

“सबसे पहले वो वार्तालाप करें. लेकिन उसे करने के लिए पहली शर्त है कि पहले बीजेपी की मेहमान नवाजी छोड़ें. मनोहर लाल खट्टर जी की बीजेपी की हरियाणा सरकार का सुरक्षा चक्र छोड़ें. हरियाणा में आए दिन बच्चों की हत्या, गैंगरेप, पिटाई हो रही है उनके लिए पुलिस नहीं है. लेकिन विधायकों की सुरक्षा के लिए करीब 1 हजार पुलिसकर्मी लगाए गए हैं. बीजेपी जो कांग्रेस के नाराज विधायकों को सुरक्षा दे रही है उसके क्या मायने हैं?”
रणदीप सिंह सुरजेवाला

रोज षड़यंत्र रच रही है बीजेपी

सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस नाराज विधायकों से बात करने के लिए तैयार है लेकिन शर्त यही है कि बीजेपी सरकार के चंगुल से उन्हें निकलना होगा. उन्होंने कहा कि वो राजस्थान आएं और फिर पार्टी से बात करें. उन्होंने कहा कि बीजेपी लगातार रोज षड़यंत्र रच रही है. लेकिन दिल्ली में बैठी बीजेपी सरकार कितने भी हथकंडे अपना लें, लेकिन वो राजस्थान के स्वाभिमान को नहीं हरा पाएंगे.

राजस्थान विधानसभा का सत्र 14 अगस्त को बुलाया गया है. लेकिन उससे पहले गहलोत सरकार को विधायकों के टूटने का डर सता रहा है. कुछ दिन पहले खुद सीएम गहलोत ने कहा था कि बीजेपी ने विधायकों के रेट डबल कर दिए हैं. ऐसे में कांग्रेस के लिए हर दिन एक बड़ी चुनौती है. 

इस दौरान सुरजेवाला से ये भी सवाल किया गया कि महाराष्ट्र में सुशांत सिंह राजपूत केस को लेकर सरकार पर आरोप लग रहे हैं. बिहार सरकार आरोप लगा रही है कि वो जांच में बाधा डाल रहे हैं. इस पर सुरजेवाला ने कहा कि, इस देश का संविधान और कानून यही कहता है कि प्रदेश के अंदर कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की है. नीतीश कुमार जी को संविधान दोबारा पढ़ना चाहिए. वो जबरन पुलिस भेजकर दखलअंदाजी नहीं कर सकती.

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